
अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना परिसर के दृश्यकला संकाय और चित्रकला विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय चित्र निर्माण कार्यशाला और राष्ट्रीय चित्र प्रदर्शनी का समापन किया गया। इस मौके पर मौजूद विशिष्ट अतिथि त्रिभुवन गिरी महाराज ने कहा कि कला जीविकोपार्जन का एक बेहतर जरिया बन सकती है। युवा कला के क्षेत्र में अपना बेहतर भविष्य बना सकते हैं। प्रदर्शनी के समापन पर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने संकाय के विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। विशिष्ट अतिथि परिसर निदेशक प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा कि दृश्यकला के विद्यार्थियों के लिए बेहतर भविष्य की अपार संभावनाएं हैं। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. शेखर चंद्र जोशी ने कहा कि गीता में कला और साहित्य का अपना महत्व है। कलाकारों ने इस कार्यशाला और प्रदर्शनी के माध्यम से उसे फिर से जीवंत कर दिया है। समापन पर निर्णायक मंडल ने सर्वश्रेष्ठ 10 चित्रों का चयन कर प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। संचालन योगेश डसीला ने किया। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्ष प्रो. भीमा मनराल, डॉ. पारुल सक्सेना, डॉ. संगीता पवार सहित कई प्राध्यापक और शिक्षक शामिल रहे।