अल्मोड़ा मे स्थित सोबन सिंह जीना परिसर के दृश्यकला संकाय मे 22 दिसंबर शुक्रवार को गीता जयंती के पावन अवसर पर विकसित भारत संकल्प यात्रा के अर्न्तगत दो दिवसीय राष्ट्रीय चित्र निर्माण कार्यशाला प्रदर्शनी व प्रतियोगिता कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ भारतीय कला मे श्रीमद्भागवत गीता का प्रभाव (गीता के अध्यात्म,दर्शन, ज्ञान-विज्ञान कथा और राधाकृष्ण की लीलाओं के विशेष संदर्भ में ) से सम्बंधित शीर्षक पर किया गया।
इस अवसर पर मौजूद परिसर के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने समस्त प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की। प्रोफेसर प्रवीण बिष्ट परिसर निदेशक के दिशानिर्देशानुसार कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. शेखर चंद्र जोशी अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रो. सोनू द्विवेदी शिवानी (संकायाध्यक्ष दृश्यकला संकाय) और प्रो. संजीव आर्या द्वारा कैनवास पर रगों से स्टोक लगाकर किया किया। साथ ही विशेष सहयोग प्रदान कर रहे प्रज्ञा प्रवाह विचार मंच से भगवती प्रसाद राघव (क्षेत्रीय प्रभारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड) ने कहा कि गीता के परमात्तवय ज्ञान का प्रचार प्रसार करना एक पावन कार्य विश्वविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है।
संस्कार भारती के क्षेत्रीय प्रभारी देवेंद्र रावत ने प्रतिभागियो को साधुवाद प्रेषित किया। इस कार्यशाला मे चित्रकला विभाग व दृशयकला संकाय के युवाकलाकारों सहित कुल 150 युवा कलाकार प्रतिभाग कर रहें है, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने इतनी बड़ी संख्या मे युवाकलाकारों के प्रतिभाग करने पर कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सोनू द्विवेदी शिवानी और संयोजक मंडल रमेश मौर्या (अतिथि व्याख्याता) योगेश डसीला, पूरन मेहता और विशेष सहयोग कर रहे वरिष्ठ छात्र पंकज जायसवाल, पंकज (दृशयकला संकाय प्रतिनिधि) को बधाई प्रेषित की उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान युवा वर्ग को संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देता है। कार्यशाला आज भी जारी रहेगी। बने चित्रो की प्रर्दशनी 26 से 28 दिसम्बर 2023 मे होनी है।