अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना परिसर में आज दिनांक 18 जुलाई गुरुवार से तीन दिवसीय ‘सुरम्य’ सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मुख्य सभागार में मुख्य अतिथि रूप में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट, सत्र के अध्यक्ष प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट, विशिष्ट अतिथि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो शेखर चन्द्र जोशी, कुलानुशासक डॉ दीपक, संकायाध्यक्ष कला प्रो जगत सिंह बिष्ट, सांस्कृतिक सचिव किरन विश्वकर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत का गायन किया गया।
अतिथियों का बैज अलंकरण कर, प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। वहीं, कार्यक्रम के पहले दिन विभिन्न संकायों के कलाकारों की झांकियों ने दर्शकों का मन मोहा। संकायों के युवाओं ने उत्तराखंड की संस्कृति को उजागर करती हुई झांकियों को प्रस्तुत किया। साथ ही कुमाउनी झोड़ा, कृषि कार्यों को लोकनृत्यों में पिरोकर रंगारंग प्रस्तुति देकर दर्शकों की वाहवाहियां लूटी। विभिन्न संकायों के बीच हुई लोक नृत्य प्रतियोगिता में झोड़ा, चांचरी की शानदार प्रस्तुति दी गयी।
रंगकर्मी एवं साहित्यकार त्रिभुवन गिरी महाराज, अंकित ने लोकनृत्य और डॉ रिज़वाना सिद्धिकी, डॉ संगीता पवार ने झांकी का निर्णायक की भूमिका निभाई।
कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा-
विश्वविद्यालय परिसर में ‘सुरम्य’ सांस्कृतिक समारोह का आयोजन होना सुखद है। विद्यार्थी अपने सांस्कृतिक मूल्यों को समझें और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आएं। वे अपनी जड़ों से दूर न होवें। उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारे लिए महत्वपूर्ण है और यह वर्षों की जमा पूंजी है।
परिसर निदेशक प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा-
अल्मोड़ा नगरी में हमेशा सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। उन्होंने अल्मोड़ा की सांस्कृतिक इतिहास को प्रस्तुत किया और सुरम्य के आयोजकों को बधाई दीं।विशिष्ट अतिथि प्रकाश जोशी (अध्यक्ष,पूर्व नगर पालिका) ने अल्मोड़ा नगर के सांस्कृतिक इतिहास और सोबन सिंह जीना परिसर के कलाकारों को कला क्षेत्र में कार्य करने के लिए संदेश दिया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो शेखर चन्द्र जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सुरम्य सांस्कृतिक महोत्सव के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।