राज्य आंदोलनकारीयों ने मनरेगा कर्मी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को धरने पर बैठे राज्य आंदोलनकारियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए बर्खास्तगी की मांग की। उनका कहना था कि संगठन पदाधिकारियों ने पूर्व में तहसीलदार लीना चन्द्रा को ज्ञापन दिया था। 29 सितम्बर को उनकी मध्यस्थता में समझौता हुआ था कि, ब्लॉक मुख्यालय में विवादित मनरेगा कर्मी की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई नहीं होने पर फिर से पत्र दिया गया। इसके बाद भी प्रशासन सोया हुआ है। इससे आंदोलनकारियों में नाराजगी है। आरोप लगाया कि मनरेगा कर्मी ने विभिन्न ग्राम पंचायतों में अपने परिवार, पत्नी और रिश्तेदारों को फर्जी भुगतान कराए हैं। उन्होंने कार्यों और किए गए भुगतान की जांच करने की मांग की है। यहां संगठन अध्यक्ष मनोज अधिकारी, संरक्षक चन्दन सिंह नेगी, गोपाल सिंह राणा, बीरेन्द्र बजेठा, गोपाल रौतेला, एमसी तिवारी, धनी राम, खीम राम आर्या आदि मौजूद रहे।