अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में योग विज्ञान विभाग के अंतर्गत संचालित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय उपचार विषय पर योग विभागाध्यक्ष डॉक्टर नवीन भट्ट के निर्देशन में पांच दिवसीय कार्यशाला जारी है। कार्यशाला के चौथे दिन के प्रथम सत्र में मिट्टी चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों के विषय में बताया गया। लल्लन कुमार सिंह ने मिट्टी चिकित्सा के सिद्धान्तों के विषय में बताया। योग शिक्षक रजनीश जोशी ने मिट्टी तत्व चिकित्सा की अनेक विधियों व मिट्टी चिकित्सा के महत्व बताए और डॉक्टर गिरीश अधिकारी ने बौद्ध धर्म तथा विभिन्न ग्रंथो में मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात कार्यशाला के द्वितीय सत्र में योग व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर गिरीश अधिकारी द्वारा मिट्टी तत्व की विविध विधियों का परिचय देते हुए सिर की गीली मिट्टी की पट्टी, आँखों की गीली मिट्टी की पट्टी, पेट की मिट्टी की पट्टी, घुटनें की मिट्टी की पट्टी का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया गया तथा इसके पश्चात इनके चिकित्सीय अनुप्रयोग के बारे में बताया गया। वहीं, तृतीय सत्र में प्रतिभागियों को मिट्टी तत्व के अंतर्गत आने वाली चिकित्सा रीड की मिट्टी की पट्टी, गर्दन की मिट्टी की पट्टी, कान की गीली मिट्टी की पट्टी , चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का प्रशिक्षण देते हुए शरीर के अलग अलग अंगों की चिकित्सा के साथ साथ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रोगों के निवारण की अनेक प्रयोगात्मक विधियों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।