अल्मोड़ा ! जिलाधिकारी अंशुल सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट में प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना की प्रगति और क्रियान्वयन को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह योजना जनपद की कृषि व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को समन्वित, वैज्ञानिक और लक्ष्य आधारित कार्य प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि विकास के लिए सबसे पहले उन क्षेत्रों की पहचान करना आवश्यक है, जहाँ उत्पादन बढ़ाने की वास्तविक संभावनाएँ मौजूद हैं। इसके लिए जमीन की प्रकृति, सिंचाई सुविधाओं की उपलब्धता, फसल पैटर्न और स्थानीय परिस्थितियों का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा।
बैठक में पानी की कमी, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, जंगली जानवरों से फसल सुरक्षा, तारबाड़ की व्यवस्था और फसल की गहनता बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक पद्धतियों, नवाचारों और नई कृषि तकनीकों को धरातल पर उतारने के लिए किसानों एवं अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में एक-दो स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आधुनिक कृषि मॉडल विकसित किए जाएँ। इन मॉडलों के आधार पर आगे बड़े पैमाने पर विस्तार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि धन-धान्य योजना का उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों के जीवन स्तर में स्थायी सुधार लाना है, जिसके लिए परिणाम आधारित कार्य संस्कृति अपनाना होगा।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी रामजीशरण शर्मा, डीडीओ संतोष कुमार पंत, सहायक निदेशक मत्स्य अवनीश देव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी योगेश अग्रवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
