अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शोधार्थी बिच्छू घास से दवा बनाने पर शोध करेंगे। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत एसएजसे विवि के इस शोध कार्य को मंजूरी मिल गई है। शासन ने इसके लिए 8.50 लाख रुपये आवंटित किए हैं।
बताया जा रहा है कि कैंसर के मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा के दुष्प्रभावों को कम करने में बिच्छू घास कारगर साबित हो सकती है। कैंसर रोगियों की कीमोथैरेपी के दौरान डोक्सोरुबिसिन दवा के इस्तेमाल से मरीजों में बाल झड़ना, सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी, भूख न लगना, आंखों से जुड़ी समस्या, एलर्जी जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। दवा के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एसएसजे विवि दो साल तक शोध कर कैंसर रोधी (एंटीनियोप्लास्टिक कीमोथैरपी) दवा तैयार करेगा। इस दवा से मरीज पर होने वाले विपरीत प्रभाव को कम किया जा सकेगा।