पनुवानौला: आज बीना ग्राम सभा के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी को ग्राम बीना में पानी के असमान वितरण के सम्बन्ध में ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने कहा कि जब से ग्राम प्रधान को पेयजल लाइन हस्तांतरित की गई है तब से बीना गांव के लिए पानी का सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
ओवर फ्लो पानी भी क्वेटी गांव को ले जाया गया
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा बीना में पूर्व में पेयजल लाइन जल संस्थान विभाग के पास थी। कुछ समय पूर्व यह पेयजल लाईन ग्राम सभा बीना को हंस्तान्तरित कर दी गई। बीना ग्राम सभा में बीना और क्वेटी दो गांव हैं। जब से गांव में पेयजल की लाइन ग्राम प्रधान को स्थांतरित की गई तब से बीना गांव के लिए पानी का सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य स्रोत से मुख्य लाइन से मुख्य टैंक में जो पेयजल लाईन आती है उससे पहले ही सीधे एक लाईन क्वेटी गांव को अवैध गयी है। मुख्य टैंक से भी एक लाईन क्वेटी गांव को दी गयी है। मुख्य टैंक से ओवर फ्लो पानी भी क्वेटी गांव को ले जाया गया है।
पूर्व में की गई व्यवस्था अंसैवाधानिक
ग्रामीणों का कहना है कि बीना गांव में मुख्य टैंक से एक ही लाइन दी गयी है जिसमें करीब 90% अनुसुचित जाति और 10% सामान्य लोग रहते हैं। और इसमें भी पानी जो आता है उसमे भी बीच बीच में अवैध रूप से पानी के कनेक्शन लिए गए हैं। जिससे अन्य लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। इस समयस्या को लेकर वह अनेक बार ग्राम प्रधान स कह चुकै है। बावजूद इसके इस समस्या का कोई निदान नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हर घर जल हर घर नल केवल दिखाने को लगाए गए हैं। पानी से ही जीवन है और भारतीय संविधान पानी के लिए सबको समान अधिकार दे देता है। किन्तु यहां पर जो व्यवस्था पूर्व में की गयी है वो अंसैवाधानिक है।
संलिप्त लोगों पर उचित कार्यवाही की मांग
उन्होंने कहा कि बीना गांव में लोगों और बच्चों को अपने और अपने मवेशियों के लिए पानी के लिए बहुत परेशानियों में दिन देखने पड़ रहे हैं। जिससे बच्चों के स्कूल जाने में भी व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री धामी से ग्राम सभा बीना /क्वेटी पेयजल लाईन की जांच उचित अधिकारियों द्वारा ईमानदारी से कराए जाने की मांग की है। साथ ही इसमें संलिप्त लोगों पर उचित कार्यवाही की मांग की है।