अल्मोड़ा जिले में स्थित सरकारी अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में लेवल-टू जांच की सुविधा उपलब्ध न होने से गर्भवति महिलाएं परेशान हैं। जिसके चलते उन्हें मजबूरन हायर सेंटर की दौड़ लगानी पड़ रही है। गर्भस्थ शिशु की शारीरिक संरचना का पता लगाने के लिए लेवल-टू जांच की जाती है। जांच में पता चलता है कि गर्भस्थ शिशु का विकास सही तरीके से हो रहा है या नही। यदि कुछ कमियां मिलीं तो उन्हें समय पर दूर किया जा सकता है। हैरानी की बात यह है कि जिले के किसी भी अस्पताल में इस जांच की सुविधा नहीं है। महिला अस्पताल में ही हर माह औसतन 15 से 20 गर्भवतियां ऐसी पहुंचती हैं जिन्हें लेवल-टू जांच की जरूरत होती है। अस्पताल प्रबंधन के लिए उन्हें हायर सेंटर रेफर करना मजबूरी बन गया है।