अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के ‘उद्भव’ महोत्सव के दूसरे दिन प्रहसन की प्रस्तुति हुई। तीन दिवसीय उद्भव सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तीसरे दिन प्रहसन आयोजित हुए। विश्वविद्यालय सृजन के उपरांत प्रथम सांस्कृतिक महोत्सव में रंगमंचीय प्रस्तुतियों की धूम रही। कार्यक्रमों के दूसरे दिन परिसर निदेशक प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट, नगरपालिका परिषद अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो इला साह, सांस्कृतिक सचिव नितिन रावत, डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट आदि ने प्रहसन एवं पुरस्कार वितरण समारोह की शुरुआत की।
सामाजिक बुराइयों को तोड़ने के लिए युवाओं को आगे आना होगा
विशिष्ट अतिथि रूप में नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने उद्भव सांस्कृतिक महोत्सवों के सफल संचालन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से समाज को एक अच्छा संदेश जाता है। विद्यार्थी संस्कृति के क्षेत्र में विशेष कार्य कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। मंच पर आने का साहस नए कलाकारों को होता है। उन्होंने कहा कि रंगमंच के लिए आप प्रयास करें। सामाजिक बुराइयों को तोड़ने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। इस दौरान अतिथियों का बैज अलंकरण कर, प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया।
शिक्षा संकाय ने ‘पूछ नहीं तो कुछ नहीं’ के माध्यम से दर्शकों को गुदगुदाया
मुख्य सभागार में परिसर निदेशक प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट ने सांस्कृतिक महोत्सव के लिए बधाइयाँ दी। मुख्य सांस्कृतिक सचिव नितिन रावत ने उनका आभार जताया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तीसरे दिवस पर कलाकारों द्वारा प्रहसन की प्रस्तुति दी गई। शिक्षा संकाय के द्वारा ‘पूछ नहीं तो कुछ नहीं’ के माध्यम से दर्शकों को गुदगुदाया। इसके साथ एकल लोकनृत्य प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। इसमें उर्मिला दानु, दीक्षिका, रंजना जोशी , प्रतिभा जोशी, मीनाक्षी कांडपाल, सिमरन धानिक, प्राची धौनी, गायत्री आर्या,भावनी पांडे आदि ने एकल नृत्यों की प्रस्तुतियां दी। प्रथम स्थान पर प्रतिभा जोशी, द्वितीय स्थान पर मीमांसा मेर, तृतीय स्थान पर सिमरन धानिक रही। इसके उपरांत परिसर के अधिकारियों ने उद्भव सांस्कृतिक पत्रिका के मुखपृष्ठ का विमोचन किया।
अतिथियों ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया
महोत्सव में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो इला साह ने उद्भव सांस्कृतिक महोत्सव के संबंध में कहा इस कार्यक्रम को रंगकर्मियों के संरक्षण में संचालित किया जा रहा है। युवा कलाकार रंगमंच की प्रस्तुतियां दे रहे हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। उद्भव महोत्सव का संचालन डॉ संजीव आर्या ने किया। इस अवसर पर अल्मोड़ा के वरिष्ठ रंगकर्मी ललित पांडे, नाट्य निर्देशक एवं रंगकर्मी देवेंद्र भट्ट रिकी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इसके उपरांत लोकगीत एकल नृत्य में डॉ कुसुमलता आर्या, डॉ पूरन जोशी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। कार्यक्रमों के तीसरे दिन अव्वल आये संकायों और कलाकारों को अतिथियों ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
यह लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रो मधुलता नयाल ( निदेशक, शोध एवं प्रसार निदेशालय), प्रो. भीमा मनराल (संकायाध्यक्ष, शिक्षा), कुलानुशासक डॉ मुकेश सामंत, डॉ संगीता पवार, प्रो रुबीना अमान, डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट, डॉ दीपक, डॉ संदीप कुमार, डॉ. देवेंद्र धामी, डॉ रामचन्द्र मौर्या, डॉ.डी.पी.यादव, डॉ. नीलम, डॉ. मनोज कुमार बिष्ट, डॉ पुष्पा वर्मा, डॉ प्रज्ञा वर्मा, डॉ वसुधा पंत,डॉ विवेक आर्या, डॉ नरेश पंत, डॉ अरशद हुसैन, डॉ पीडॉ फराहा दीबा, डॉ. वंदना टम्टा, लल्लन सिंह, डॉ सुनीता कश्यप, डॉ गौरव कर्नाटक,डॉ. योगेश मैनाली, प्रकाश भट्ट, भुवन विद्यार्थी, गुलाब राम, भूपाल भट्ट, नंदन लाल, नंदन जड़ौत, विजय पंत, जगदीश सिंह, मनोज मेर डॉ राम चन्द्र मौर्या, छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज कार्की, छात्रा उपाध्यक्ष रुचि कुटौला, डॉ सुशील भट्ट, डॉ भूपेंद्र वल्दिया, डॉ वंदना टम्टा, डॉ पुष्पा वर्मा, सांस्कृतिक सचिव नितिन रावत, उपाध्यक्ष पंकज फर्त्याल, उपसचिव करिश्मा तिवारी,कोषाध्यक्ष अमित फर्त्याल, देवाशीष धानिक, विशाल साह, संदीप नयाल, महेंद्र मेहरा, इंद्रमोहन पंत आदि उपस्थित रहे।