अल्मोड़ा-आज श्री रामजन्म भूमि अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा में महिलाओं द्वारा मंचित एक दिवसीय सम्पूर्ण रामलीला मंचन का आयोजन किया गया।महिलाओं द्वारा मंचित इस रामलीला में राजा दशरथ द्वारा किये गये यज्ञ के प्रताप से राम,लक्ष्मण,भरत, शत्रुघ्न का जन्म,राजा जनक के हल चलाने से सीता जन्म,इनके जन्म की प्रसन्नता पर सुन्दर मंगलगीतों के गायन से रामलीला का शुभारंभ करते हुए सम्पूर्ण रामलीला प्रसंग दिखाये गये। महिला कलाकारों ने अपने सुंदर संवाद व अभिनय से दर्शकों को रामलीला मैदान में बांधे रखा तथा दर्शकों ने रामलीला की भूरि भूरि प्रसंशा की । कलाकारों ने रामलीला मैदान में उपस्थित तथा आन-लाईन डिजिटल माध्यम से जुडे दर्शकों से खूब वाही वाही लूटी।इस एक दिवसीय महिला रामलीला में राम की कलाकार रश्मि काण्डपाल, सीता -कोमल जोशी, लक्ष्मण -मेघना पाण्डे,भरत-वैष्णवी जोशी, शत्रुघ्न -रक्षिता अल्मिया, हनुमान -मिनाक्षी जोशी, परशुराम -हिमांशी अधिकारी,रावण -विद्या कर्नाटक,जनक व दशरथ -रीता पाण्डे,साधु मारीच व मेघनाद -गीतांजली पाण्डे,कुम्भकर्ण -आशा मेहता,अंगद- पूजा थापा, अहिरावण तथा खर-रेखा जोशी ,दूषण-सुनीता बगडवाल,मन्दोदरी -रेखा पवार , बाणासुर -कमला पाण्डे, सूर्पनखा -कशिश रावत, राजा- सुमन्त -पारू उप्रेती, ताड़का -हिमांशी, विश्वामित्र -मीना भट्ट , कैकेई -मेघा काण्डपाल, शबरी -पूजा थापा, आदि ने अपने सुंदर संवाद व अभिनय कौशल से सभी का मन मोह लिया।इस अवसर पर समिति के संरक्षक एवं आयोजक बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव पर इस महिला रामलीला का मंचन किया गया। साथ ही उनके द्वारा निरन्तर ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को मंच से जोडने के लिये निरन्तर प्रयास किया जाता रहेगा।उन्होंने कहा कि आज महिलायें किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और वे कुशल ग्रहणी के रूप में घरों को सभालने के साथ -साथ मंच के माध्यम से समिति की इस अनोखी पहल को सार्थक करने हेतु अपना श्रेष्ठ योगदान निरन्तर प्रदान कर रही हैं । इससे महिलाओं को अपनी प्रतिभा तराशने का भी मौका मिला है।विगत वर्षो की भांति नारी सशक्तीकरण एवं महिलाओं को घरों से निकालकर मंच से जोडने की इस मुहिम के लिए सभी के द्वारा आयोजक एवं समिति के संरक्षक श्री बिट्टू कर्नाटक के प्रयासों की सराहना की गयी और उन्हें इस पुनीत कार्य के लिए बधाई एवं साधुवाद प्रेषित किया गया।समापन अवसर पर राम दरबार की आरती,पांच हजार एक सौ दीपों से दीपोत्सव व प्रसाद वितरण के साथ इस रामलीला का श्री कर्नाटक द्वारा समापन किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से देवेन्द्र कर्नाटक, डॉ करन कर्नाटक,हेम जोशी, लीलाधर काण्डपाल, रमेश चंद्र जोशी,पूरन चन्द्र तिवारी, बद्री प्रसाद कर्नाटक,हेम पाण्डे,मोहन चंद्र काण्डपाल, मथुरा दत्त काण्डपाल,प्रकाश मेहता, सन्तोष जोशी,अनिल जोशी, डॉ गिरीश चन्द्र जोशी, गोकुलानंद जोशी, सुरेश चंद्र जोशी, आनन्द सिंह बगडवाल, लीलाधर शर्मा,मोहन चंद्र कर्नाटक, नारायण दत्त तिवारी,चन्द्र दत्त जोशी, त्रिभुवन अधिकारी, चन्द्र शेखर सती, अभिषेक तिवारी,देवेन्द्र गोस्वामी ,कौशल पाण्डे,प्रयाग दत्त जोशी,निखिल तिवारी ,आशु रौतेला , कपिल नयाल , ललित बिष्ट ,अभिनव तिवारी, ललित मोहन जनौटी,कविता पाण्डे, कंचन पाण्डे,गीता जोशी आदि सहित समिति के समस्त पदाधिकारी/कार्यकर्ता तथा सैकड़ों की संख्या में दर्शक उपस्थित रहे ।