अल्मोड़ा: मंगल दीप विद्या मंदिर(विशेष स्कूल) अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। तुलसीदास की ये पंक्तियों
“परहित सरसि धर्म नहि भाई, पर पीडा सम नहि अधमाई को सार्थक करते हुए”
1 जुलाई 1998 को 6 विशेष बच्चों, 2 अध्यापिकाओं तथा 1 सहायिका से जगदीश चन्द्र जोशी (भाई) भूतपूर्व प्रधानाचार्य अल्मोड़ा इण्टर कालेज व मनोरमा जोशी (बहन) पूर्व प्रवक्ता समाज शास्त्र एडम्स गल्स इण्टर कालेज, निवास स्थान डिग्गी बग्ला पल्टन बाजार अल्मोड़ा उत्तराखण्ड द्वारा विशेष स्कूल मंगल दीप विद्या मन्दिर की स्थापना की गई।
अपनी विशेष आवश्यकता को ही बनाया विशेषता
वर्तमान में संस्था में 36 बच्चे, 16 स्टॉफ है। अब तक संस्था से लगभग 94 बच्चे विशेष प्रशिक्षण लेकर जा चुके है साथ ही मूक-बधिर लगभग 13 बच्चों ने कक्षा 10, 12 की परीक्षा उत्तीर्ण की जिसमें कमलजीत फर्त्याल 2022 से रेलवे विभाग में कार्यरत है जो इस संस्था के लिये गौरव की बात है। स्पेशल भारत ओलंपिक में विशेष बच्चों द्वारा बांची, हैन्डबॉल फूटसल शॉटपट, लॉगजम्प सॉफ्टबाल थो फ्लोर हॉकी बैडमिंटन विभिन्न स्थानों चण्डीगढ, हरियाणा, देहरादून, ऋषिकेश, नारकंडा गोवा, पांडिचेरी, हैदराबाद मध्यप्रदेश, भोपाल व अर्न्तराष्ट्रीय पर शंघाई व ग्रीस (एथेन्स) में विशेष एथिलीटों- रक्षिता पंत (गोल्ड मेडल ), राजू कनवाल (2 गोल्ड मेडल ), अर्चना जोशी (कांस्य पदक) व सिल्वर पदक प्राप्त कर अपनी विशेष आवश्यकता को ही विशेषता बना लिया।
कई सामाजिक व राज्य स्तरीय पुरस्कार संस्था को प्राप्त
यह सब संस्था के 25 वर्ष पूर्ण होने की उपलब्धि है कि आज संस्था को अपने कार्यों और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु जाना जाता है तथा कई सामाजिक व राज्य स्तरीय पुरस्कार संस्था को प्राप्त हुए है। संस्था मे कई गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता भ्रमण कर चुके है। 25 वर्ष की उपलब्धि है कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा 2 नाली भुमि नवीन स्कूल भवन हेतु प्रदान की गई है जिस पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। संस्था को समाज के कई दानदाताओं द्वारा विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। जिसमें स्विट्ज़रलैंड की सोसाइटी वेरियन सोसाइटी से रेग्यूला रांस Rajeshwer 1 .Susheela Charitable. Dayal. Truest ( New Delhi) व पारिवारिक सहायता समाजिक, व्यक्तिगत सहायता मुख्य है।
बच्चों को आत्मनिर्भर व आर्थिक रूप से मजबूत बनाया
व्यवसायिक कार्यों जैसे हैण्डलूम (हथकरघा ) में शॉल, मफलर, स्टॉल, सिलाई कार्य, बत्तियाँ, मसाला पिसना, हर्बल रंग (फूलों द्वारा) मोमबत्तिया बनाना, धूप, कार्डस, वगैरह में पूर्व व्यवसाय व व्यवसाय प्रशिक्षण देकर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाकर स्कॉलरशिप, व स्टाइफण्ड के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। संस्था के 25 वर्ष पूर्ण होने पर वर्तमान अध्यक्ष मनोरमा जोशी व भूतपूर्व अध्यक्ष जगदीश चन्द्र जोशी को समस्त मंगल दीप स्टॉफ, कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा हार्दिक शुभकामनायें, बधाई देते हुए ये पंक्तियाँ समर्पित करते है –
“कदम चलते रहेंगे, जब तक श्वास है। परिस्थितियों से परे, स्वय पर हमें विश्वास है। एक रास्ता मिला नहीं तो क्या, नई राहे ढूंढ लेंगे हम वो मुसाफिर नहीं जो चलना छोड़ देंगे।“