अल्मोड़ा नगर में स्थित जाखनदेवी क्षेत्र से आईएसबीटी के मुख्य मार्ग को जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर सिंचाई विभाग कार्यदाई संस्था के द्वारा लगभग एक साल से बीस करोड़ की धनराशि लगा कर नालों का निर्माण होना था। लेकिन एक साल होने के बाद भी नालों का निर्माण कार्य बीस प्रतिशत भी नहीं हो पाया है। यह मार्ग काफी लम्बे समय से ऐसे ही क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। जिसके चलते यहां के क्षेत्रवासियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग झाड़ियों में से होकर आवागमन करने पर मजबूर है, जिस कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। स्थानीय नागरिकों द्वारा सूचना दिये जाने पर मौके में पहुंचे पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने स्थल से ही सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता,अवर अभियंता एवं सहायक अभियन्ता से इस संबंध में वार्ता की और उनसे कहा है कि इस सुधारीकरण कार्य को एक सप्ताह के भीतर करें।
बिट्टू कर्नाटक ने कहा –
यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, उन्होंने कहा कि इस मार्ग को तत्काल दुरुस्त किया जाए क्योंकि जाखनदेवी से आईएसबीटी तक का यही मुख्य पैदल मार्ग है एवं जाखनदेवी, तल्ला चौसार, मल्ला चौसार एवं आईएसबीटी की जनता इसी पैदल मार्ग पर निर्भर है।श्री कर्नाटक ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि अल्मोड़ा के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए डेढ़ साल पहले लगभग बीस करोड़ की धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा अवमुक्त की गयी थी।
एक साल पहले टेन्डर लगने के बाद एवं टेन्डर का समय एक साल होने के बाबजूद भी तय समय में सम्बन्धित विभाग एवं निर्माण एजेंसी इन कार्यों को पूरा नहीं कर पाई जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता भुगत रही है। बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि उनके द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दे दी गयी है कि उक्त मार्ग में सुधारीकरण का कार्य एक सप्ताह के भीतर पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि जनता विभागों की लापरवाही से झाड़ियों एवं क्षतिग्रस्त नाले के ऊपर से गुजरने पर मजबूर है,
एवं विभाग मौनी बाबा बनकर बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यदि 4 जून तक नगर के सभी नालों का निर्माण कार्य विभाग द्वारा प्रारंभ नहीं किया गया तो वे विभाग के खिलाफ आन्दोलनात्मक रूख अपनाने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि बरसात में ड्रेनेज निकासी ना होने से जनता को कितना नुकसान होता है शायद ये विभाग के संज्ञान में नहीं है।इस अवसर पर बिट्टू कर्नाटक के साथ भुवन चंद पांडे, सुभाष पांडे, मदन राम, जगदीश पांडे, हयात सिंह बिष्ट, देवेन्द्र कर्नाटक, हेम जोशी, रमेश जोशी आदि उपस्थित रहे।