अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के गणित विभाग, दि टेंशर सोसाइटी और बी.के.आईटी द्वाराहाट के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन डिफरेंशियल जॉमैट्री एंड रिलेटिविटी (ICDGR-2023) का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर प्रो जगत सिंह बिष्ट (कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा), प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट (परिसर निदेशक), टेंशर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ जफर हसन, प्रोफेसर लाजुबिका विलीमीरोविक (यूनिवर्सिटी ऑफ NIS,सर्बिया), प्रो जया उप्रेती (संयोजक, अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस) आदि विद्वानों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कॉन्फ्रेंस में उद्घाटन किया।
गणित, ज्यामिति के विविध पहलुओं पर डाला प्रकाश
कॉन्फ्रेंस में संगीत विभाग की छात्राओं ने वंदना, स्वागत गीत का गायन किया। इसके उपरांत अतिथियों को प्रतीक चिन्ह, बैज अलंकरण एवं शॉल ओढ़ाकर कर स्वागत किया गया। गणितज्ञों द्वारा कॉन्फ्रेंस में गणित, ज्यामिति के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। विद्वानों ने कहा कि गणित और ज्यामिति इस देश की विशिष्ट पहचान है। संयोजक एवं विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो जया उप्रेती ने थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी को स्पष्ट करते हुए कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला और अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में ज्यामितीय विषय के विविध पक्षों पर प्रकाश डालकर कॉन्फ्रेंस के विभिन्न सत्रों की जानकारी दी।
ज्यामितीय विषय भारत की प्राचीन संस्कृति से जुड़ा हुआ पक्ष
प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट (परिसर निदेशक) ने अपने संबोधन में कॉन्फ्रेंस के आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिना गणित के भौतिकी का अस्तित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस जॉमैट्री के विविध पक्षों पर प्रकाश डालते हुए नवीन आयामों को प्रस्तुत करेगी। उन्होंने टेंशर सोसाइटी के द्वारा आयोजित किये गए कार्यक्रमों की सराहना की और विश्वविद्यालय की ओर से देश विदेश के अतिथियों का स्वागत किया। टेंशर सोसाइटी के डॉ जफर हसन ने अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों पर बात रखी। उन्होंने कहा कि ज्यामितीय विषय भारत की प्राचीन संस्कृति से जुड़ा हुआ पक्ष है। कॉन्फ्रेंस में इसको लेकर विस्तार से मंथन होगा। गणितज्ञ लाजुबिका विलामीरोबिक (सर्बिया)ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश विदेश के गणितज्ञ ज्यामितीय के विविध पक्षों पर चर्चा कर विश्व को नवीन ज्ञान देंगे।
गणित और ज्यामिति को अन्य विषयों से जोड़ते हुए मंथन किया
मुख्य अतिथि रूप में कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट ने प्रो जया उप्रेती की सराहना करते हुए कॉन्फ्रेंस की सराहना की। प्रत्येक विषय को संपुष्ट करने में गणित का योगदान है। उन्होंने ज्यामिति विषय की अन्य विषयों के साथ सापेक्षता की बात की। उन्होंने कहा मानव सभ्यता के साथ एक विद्या गणित थी। पूरा ब्रह्मांड ही एक गणित है। जो ज्यामिति में छुपी हुई है। गणित की कई शाखाएं हैं। जिन पर इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी। ज्ञान के विभिन्न शाखाओं में गणित शामिल है। इस कॉन्फ्रेंस में गणित और ज्यामिति को अन्य विषयों से जोड़ते हुए मंथन किया जाएगा। उन्होंने आयोजकों को बधाई दी। साथ ही गणित को अन्य विषयों से जोड़ने की बात कही। डॉ भाष्कर चौधरी ने उद्घाटन सत्र का संचालन और आभार प्रो एस के श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर सेमिनार से संबंधित सोविनियर एवं डॉ सबीहा नाज द्वारा संपादित प्रदर्शनकारी कला:विविध आयाम का अतिथियों ने लोकार्पण किया। उद्घाटन सत्र के उपरांत दो सत्रों का संचालन हुआ। जिसमें शोधपत्रों का वाचन किया गया।
यह लोग रहे मौजूद
कॉन्फ्रेंस में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो इला साह, प्रो भीमा मनराल (संकायाध्यक्ष), डॉ जोहरेह नेकोउई ( यूनिवर्सिटी ऑफ मज़न्दरण, बाबोलसर,ईरान),प्रो हसन शाहिद, प्रो मुकुट मणि त्रिपाठी, डॉ मुसव्विर अली, प्रो अनिरुद्ध प्रधान, प्रो राकेश कुमार,प्रो अनिल कुमार यादव, डॉ ममता असवाल, डॉ धनी आर्या, प्रो विद्याधर सिंह नेगी, डॉ पारुल सक्सेना,डॉ ममता असवाल, डॉ नंदन सिंह बिष्ट, डॉ दीपा कांडपाल, डॉ सबीहा नाज, डॉ अर्पिता जोशी, डॉ मनोज सिंह बिष्ट, इंजीनियर रवींद्रनाथ पाठक,डॉ काली चरण, प्राची जोशी, अनूप बिष्ट, प्रो एम एम जिन्नाह,प्रो अनिरुद्ध, प्रियंका अलमिया, वैशाली साह, शिवानी सुंदरियाल, पुष्पा बोरा, कमल किशोर,डॉ शंकर कुमार, डॉ सुंदर कुमार, सहित सैकड़ों संख्या में शोधार्थी, अकादमिक सदस्य एवं शिक्षक उपस्थित रहे।