अल्मोड़ा: आज दिनांक 22/05/2023 से फाइन आर्ट्स के विद्यार्थियों के द्वारा फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट में तालाबंदी करके सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है।
इस फैसले से छात्रों का मानसिक उत्पीड़न कर भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़
विद्यार्थियों द्वारा कहा गया कि LT Art की भर्ती परीक्षा 8 अगस्त 2021 को हो गयी थी उसके बाद यह मामला लम्बे अंतराल से हाइकोर्ट नैनीताल में चल रहा है। जिसमें आज दो-तीन वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद माननीय न्यायधीश द्वारा इस भर्ती परीक्षा को निरस्त करने का फैसला कहाँ तक उचित है? इन छात्रों के साथ हो रहे अन्याय का जिम्मेदार कौन है? माननीय सरकार द्वारा 2021 में LT भर्ती परीक्षा कराने के लिए विज्ञप्ति जारी करी गयी। जिसमें सभी योग्य छात्रों द्वारा आवेदन कर दिन रात मेहनत के साथ परीक्षा दी। जिसका परिणाम आज यह आया की परीक्षा को रद्द किया जा रहा है। विद्यार्थियों ने न्यायालय और वर्तमान सरकार से सवाल किया है कि आपके द्वारा यह किस प्रकार का न्याय किया जा रहा है। आपके इस फैसले से छात्रों का मानसिक उत्पीड़न कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, साथ ही हर बेरोजगार छात्र और उनके परिवार की आशाओं पर पानी फेरा गया है।
भर्ती परीक्षा में हो रहे अन्याय की पूर्ण जिम्मेदार सरकार
विद्यार्थियों ने कहा जिस प्रकार से आज न्यायालय का निर्णय आया है यह छात्रों के भविष्य का हनन करने वाला है। जितनी बार Lt Art की भर्ती आयी उतनी बार फाईन आर्ट्स के विधार्थीयों को न्यायालय की शरण में जाकर संघर्ष करना पड़ा है। और अपनी योग्यता साबित करनी पड़ रही है। अनेक बार आयोग में जाकर हमारे नियमों को सही करने को कहा लेकिन उन्होंने यह कहकर बात टाल दी कि जब आपकी नियुक्ति होगी तब आना। इस बार की भर्ती परीक्षा में हो रहे अन्याय की पूर्ण जिम्मेदार सरकार है। जो ठीक से न्यायालय में फाइन आर्ट्स की पैरवी नहीं कर पाई।
फैसले पर सरकार पुनः विचार कर जल्द से जल्द LT art का परिणाम घोषित करे
उन्होंने कहा कि आज न्यायालय द्वारा NCET 2014 के अनुसार सभी के लिये B.Ed अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है। न्यायालय को बताना चाहते हैं कि इससे पूर्व जितनी LT Art भर्ती परीक्षा आयी उसमें फाईन आर्ट्स को B. ed की बाध्यता नहीं रही है और आज न्यायालय हमसे B.Ed मांग रहा है। हम सरकार और उच्च न्यायालय से यह पूछते हैं कि फाईनआर्ट्स जो 4 वर्षीय पूर्णकालिक कोर्स है जिसमें ड्राइंग, पेंटिंग्स, प्रिंटमेकिंग, अप्लाइड आर्ट्स, कम्पयूटर ग्राफिक्स कि पढ़ाई होती है। जिसे B. Ed के आहर्ता के समकक्ष रखा गया है। उनके लिए B. Ed अनिवार्यता कभी भी नहीं रही है। और न ही कोई शिक्षण संस्थान इनको B. Ed करा सकता है। जब फाईन आर्ट्स के विधार्थी केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, DSSSB के पदों पर आवेदन कर सकते है तो माननीय न्यायालय और उत्तराखंड सरकार द्वारा हमाको क्यों अनदेखा किया जा रहा है। इस प्रकार के फैसले पर सरकार पुनः विचार कर हमारे मामले को संज्ञान में लेकर योग्य विधार्थीयों को न्याय दिलाकर जल्द से जल्द LT art का परिणाम घोषित करे।
यह विद्यार्थी रहे मौजूद-
योगेश डसीला योगी, भास्कर भौर्याल, पूजा बिष्ट, हिमांशु, तरुण शर्मा, पूर्णिमा रौतेला,पूजा जोशी, रूचि मेहता,लक्षिता गोस्वामी, दिव्या बिष्ट, प्रतिभा जोशी, अंजलि कश्यप, शीतल कार्की, लकी खोलिया, रश्मि थापा, नेहा बिष्ट, नीमा नेगी, जुही रावत आदि मौजूद रहे।
इसमें सरकार क्या करेगी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली जा सकती है। पर दुनिया में इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड तो यही है की पदाने वाले को टीचिंग की ट्रेनिंग होनी ज़रूरी है।