उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले के 1300 से ज़्यादा गांवों के ग्रामीण आज भी गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए 03 से 10 किमी तक का पैदल सफर तय करना पड़ रहा हैं। 24 साल से अस्तित्व में आए अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का सियासत में का खासा प्रभाव रहा है। लंबे इंतजार और नेताओं के बड़े-बड़े दावों और आश्वासन के बाद भी जब सड़क गांव तक नहीं पहुंची तो ग्रामीणों ने पलायन करना शुरू कर दिया। जिसके चलते ये गांव खाली होते चले गए। फाइलों में तो सड़कें बन रही हैं, लेकिन धरातल पर नजर नहीं आ रहीं। सड़क के अभाव में बीमारों और गर्भवतियों को समय पर अस्पताल पहुंचाना चुनौती बन गया है। डोली के सहारे समय पर अस्पताल न पहुंचने से बीमार रास्तों में दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में बीमार और गर्भवतियों के मन में एक ही सवाल है कि क्या कभी हमारे गांव तक भी सड़क पहुंचेगी।