अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जिले में स्थित सोबन सिंह जीना गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (बेस अस्पताल) में ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफैलोग्राम) जांच सुविधा उपलब्ध हो गई है।
इससे मिर्गी, बार-बार आने वाले दौरों, दिमागी उलझन और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को अब बड़े शहरों के महंगे निजी अस्पतालों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
ईईजी मशीन के इंस्टॉलेशन के दौरान मनोचिकित्सा विभाग की डॉ. वीना तेजन और संस्थान के प्रिंसिपल डॉ. चंद्र प्रकाश उपस्थित रहे। ईईजी एक सुरक्षित और दर्दरहित जांच है, जिसके माध्यम से मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों को रिकॉर्ड कर दिमाग से जुड़ी बीमारियों की सटीक पहचान की जाती है।
यह जांच विशेष रूप से मिर्गी की पहचान, नींद से जुड़े विकार, सिर की चोट, दिमागी सूजन (एन्सेफलाइटिस), याददाश्त व भ्रम की समस्या, तथा बच्चों में झटके या विकास में देरी जैसी स्थितियों के निदान में अत्यंत उपयोगी मानी जाती है।इस सुविधा के शुरू होने से मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में आधुनिक डिजिटल तकनीक द्वारा सटीक रिपोर्ट उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर डॉ. वीना तेजन ने बताया कि ईईजी सुविधा शुरू होने से मिर्गी और अन्य मानसिक व न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के इलाज और सही निदान में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज का लक्ष्य अल्मोड़ा और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं यहीं उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े।ईईजी सुविधा की शुरुआत से बेस अस्पताल अल्मोड़ा ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है, जो पहाड़ी क्षेत्र के मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।
