जिला कांग्रेस प्रवक्ता निर्मल रावत ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरा रोष जताते हुए विभाग और राज्य सरकार को जमकर कोसा। निर्मल रावत ने कहा कि वन विभाग बताए कि जिले में उनके पास शासन द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए मिले कितने सुरक्षा किट उपलब्ध हैं, और वनाग्नि से बचने के लिए ये सुरक्षा किट विभाग के लोगों को क्यूं नहीं दिए जाते हैं। कहा सच तो ये है कि विभाग के पास अग्नि सुरक्षा किट उपलब्ध ही नहीं हैं, और अगर हैं तो ये कहीं बंद कमरों की धूल खा रहे हैं, क्यूं कि अगर ये सुरक्षा किट विभाग के पास होते तो विभागीय कर्मचारियों को यूं बिना सुरक्षा किट के असामयिक मौत के मुंह में नहीं जाना पड़ता। शासन सरकार द्वारा विभाग के लोगों को वनाग्नि से बचने के लिए आवश्यक सामग्री दी ही नहीं जाती है, केवल खानापूर्ति कर विभाग के कर्मियों को रामभरोसे छोड़ दिया जाता है। शासन प्रशासन और विभाग की सुषुप्त कार्यप्रणाली से आज कई घरों में मातम का माहौल है, जिसके लिए विभाग और सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। गर्मियों की शुरुवात से उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं, पर बीजेपी सरकार, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री चुनावी दौरों में मशगूल रहे। अगर उसी समय से विभाग को सुपर अलर्ट मोड पर रखकर समुचित साधन और व्यवस्थाएं उपलब्ध करवा दी जाती तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। परन्तु भाजपा के मंत्री से संतरी तक सब राज्य से बाहर चुनावी प्रचार में व्यस्त रहे, और जंगलों की आग के खतरे को नहीं भांप पाए। मारे गए वन कर्मियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि परिवारजनों के भविष्य के लिए सरकार को अधिकतम मदद करनी चाहिए, जिससे उनको यह कठिन समय गुजारने में मदद मिल सके।