अल्मोड़ा जिले में नगर से लेकर गांवों तक बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग भी बंदरों के आगे बेबस नजर आ रहा है। वहीं, बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के दावे फेल साबित होते नज़र आ रहे है।बंदरों की बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन जिले के लोगों को इनके आतंक से निजात नहीं मिल सकी है। बंदरों का झुंड किसानों की फसल बर्बाद कर रहा है। वहीं लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर रहा है। अल्मोड़ा में तीन महीने के अंदर बंदरों के हमले से 503 लोग अब तक घायल हो चुके हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक मई में 171, जून में 196 और जुलाई 136 और अगस्त में अब तक 12 लोग बंदरों के काटने पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। वन विभाग ने दो साल के भीतर 6325 बंदर पकड़े और 3535 बंदरों का बधियाकरण किया है। इसमें 76 लाख रुपये से अधिक खर्च हुआ, लेकिन फिर भी बंदरों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है।