अल्मोड़ा: आज यानी 30मई को यहां ऑल इंडिया एस एस बी वालेंटियर एसोसियेशन के अध्यक्ष ब्रह्मा नन्द डालाकोटी ने भारत के प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को पत्र लिखकर मणिपुर में शांति स्थापना हेतु गुरिल्लों का उपयोग किये जाने की मांग की है।
एस एस बी स्वयं सेवकों ने अनेक अशांत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापना में सहायता प्रदान की
पत्र में कहा गया है कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में सेवा-सुरक्षा-बंधुत्व की स्थापना हेतु एस एस बी का गठन किया गया था। उक्त नारे को साकार करते हुए एस एस बी स्वयं सेवकों ने सुरक्षा सेनाओं के साथ मिलकर अनेक अशांत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापना में सहायता प्रदान की है। एस एस बी स्वयं सेवकों ने उग्रवादी -अलगाव वादी ताकतों की पहचान कर उन्हें समाप्त करने में अपना बेहतर योगदान दिया। परिणाम स्वरूप सरकार और सेना ने उक्त ताकतों को सफलता पूर्वक समाप्त किया। देश के दूर दराज छिटके सीमावर्ती क्षेत्रों को भारतवर्ष के साथ मजबूती से जोड़ने में एस एस बी स्वयं सेवकों का बड़ा योगदान रहा है।
एस एस बी स्वयं सेवकों ने सेनाओं और उपद्रवियों के दोहरे उत्पीड़न की शिकायत
मणिपुर राज्य के उनके संगठन से जुड़े 3000एस एस बी स्वयं सेवक वहां शांति स्थापना में सरकार और सेनाओं का सहयोग करना चाहते हैं। अनेक युद्दार्स्थ चलाने में दक्ष, राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत ये एस बी स्वयं सेवक स्थानीय परिस्थितियों से परिचित होने के कारण स्थानीय जनता सरकार -सुरक्षा सेनाओं का आपसी तालमेल बनाने में उपयोगी हो सकते हैं। मणिपुर से दूरभाष में अनेक एस एस बी स्वयं सेवकों ने सेनाओं और उपद्रवियों के दोहरे उत्पीड़न की शिकायत भी की है तथा आत्मरक्षा हेतु हथियार अथवा अन्य सामाग्री उपलब्ध कराने की भी मांग की है। इसलिए मणिपुर में शांति स्थापना हेतु गुरिल्लों का उपयोग करने तथा उन्हें आवश्यक सुरक्षा दिये जाने की मांग संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मा नंद डालाकोटी ने जिलाधिकारी कार्यालय व डाक से पत्र भेजकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से की है।