अल्मोड़ा: नगर कांग्रेस अल्मोड़ा में नगर महामंत्री(संगठन) वैभव पांडेय ने आज प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि आज ही के दिन पिछले साल अग्निपथ स्कीम लायी गयी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा को ठेके पर देने वाली इस युवा विरोधी स्कीम का हमारे साथियों ने डटकर विरोध किया था। अग्निपथ के पीछे सीधा मक़सद यही है कि सेना से प्रशिक्षण दिलाकर सुरक्षाकर्मियों को धन्नासेठों की सेवा में लगाया जाए। मतलब अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए भारत की सेना को भी नहीं बख्शा इस सरकार ने। यह युवाओं के साथ धोखा ही नहीं, देश की सुरक्षा के साथ समझौता भी है।
लाखों आवेदन भीषण बेरोज़गारी का परिचायक है, अग्निपथ की सफलता का नहीं
वैभव पांडेय ने कहा कि इस स्कीम के कारण सेना की बाकी भर्तियों को रद्द कर दिया गया। यहाँ तक कि भर्ती प्रक्रिया में सफल होकर नियुक्ति का इंतज़ार कर रहे अभ्यर्थियों के भी सपने तोड़ दिए गए। मानसिक अवसाद में आए कई युवाओं ने आत्महत्या कर ली। लेकिन सत्ता में बैठे शहंशाहों का दिल नहीं पसीजा। बाद में तो सरकार ने यह भी कहा कि अग्निवीर के लिए लाखों आवेदन आने का मतलब है कि युवाओं ने योजना को स्वीकार कर लिया है। जबकि सच्चाई यह है कि एक साल के लिए भी अगर बीस हजार रुपए की नौकरी भी दी जाए तो लाखों आवेदन आ जाएंगे। असल में यह संख्या देश में भीषण बेरोज़गारी का परिचायक है, अग्निपथ की सफलता का नहीं।
स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आंदोलन होगा
उन्होंने कहा कि अग्निपथ आंदोलन के दौरान इस युवा विरोधी सरकार ने हमें जो ज़ख्म दिए, वो आज भी भरे नहीं हैं। लाठी डंडे और मुकदमे की ज़ोर पर भले ही आवाज़ को दबा दिया गया हो, लेकिन वो गुस्सा आज भी ठंडा नहीं हुआ है। बेरोज़गार युवाओं का यह आक्रोश जब फूटेगा तो स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आंदोलन होगा। वैभव पांडेय ने कहा कि मेरी सरकार से दुबारा यह मांग है कि अग्निपथ स्कीम को वापिस लिया जाए।