अल्मोड़ा जिले में स्थित दन्यां क्षेत्र में दो साल पहले आपदा से बेघर हुए कुछ लोगों के लिए जिला प्रशासन ने मकान तो बना दिए लेकिन पीने के पानी की व्यवस्था न होने से अनुसूचित जाति के बेघर हुए परिवार नए मकानों में रहने से कतरा रहे हैं। बीते दो साल से परेशान हुए गरीब परिवारों ने पेयजल संयोजन जल्द से जल्द उपलब्ध न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। धौलादेवी ब्लाक के पूर्व ब्लाक प्रमुख पीताम्बर पांडे ने बेघर हुए परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि दो वर्ष पूर्व उनकी पहल पर जिला प्रशासन से सीमा तोक में भूस्खलन से प्रभावित हुए एक दर्जन परिवारों को अन्यत्र बसाने की पहल शुरू की थी। पांडे ने बताया कि वर्तमान में केवल पांच परिवारों के लिए गांव से एक किमी दूर पांच मकान बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि नव निर्मित मकानों के आस पास कहीं भी पीने के पानी का न तो श्रोत है और न ही विभाग द्वारा संयोजन प्रदान किया गया है। सरकार का हर घर नल, हर घर जल का नारा मयोली गांव में सफेद हाथी साबित हो रहा है। उन्होंने उप जिलाधिकारी भनोली को ज्ञापन देते हुए सभी प्रभावित परिवारों को मकान देने और जिनके मकान बन गए हैं उन्हें पेयजल संयोजन प्रदान करने की मांग की है। इधर सीमा गांव के प्रभावित आनंद राम, गणेश राम, पूरन राम, जगदीश राम और पूरन राम आर्य ने बताया कि पानी की उपलब्धता न होने से उन्हें अभी भी मयोली गांव में दूसरों के मकान में रहना पड़ रहा है। उनका कहना है कि यदि नए मकानों में पेयजल संयोजन मिल जाता तो सभी लोग अभी तक वहां बस गए होते। उन्होंने शीघ्र पानी का कनेक्शन न मिलने पर तहसील मुख्यालय में धरना देने की चेतावनी दी है। ग्राम पंचायत के माध्यम से अधिशासी अभियंता पेयजल निर्माण निगम के नाम से प्रस्ताव मिलने पर प्रभावित परिवारों को जल जीवन मिशन के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा। प्रस्ताव मिलते ही नव निर्मित मकानों तक लगभग एक किमी पेयजल लाइन बनाने की कार्रवाई आरंभ की जाएगी।