अल्मोड़ा शहर के छोर पर स्थित रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा में 20वीं सदी के महामनिषी स्वामी विवेकानंद की 162वीं पावन जयंती बड़े हर्षोल्लास से मनाई गई। जिसमे दिन कि शुरुआत होते ही सुबह बेला में साधुजनों ने मंगल आरती और वैदिक मंत्रोच्चार किया गया। इसी क्रम में मंदिर गर्भगृह में होम किया गया। साथ ही व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास और देश दुनिया में खुशहाली की प्रार्थना की गई।
रामकृष्ण कुटीर के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानंद ने अपने सार्वजनिक बयान में सभी आगंतुक भक्तजनों का स्वागत करते हुए बताया कि यद्यपि 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में स्वामी विवेकानंद का जन्मोत्सव मनाया जाता है लेकिन स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन विशुद्ध सिद्धांत के अनुसार आज 2 फरवरी को यह पावन जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के प्रभावशाली विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार मानव सेवा के पथ पर चलकर आध्यात्मिक विकास की प्रेरणा देते हैं। जिस समाज जिस देश में हम रहते हैं उसके प्रति अपने सामाजिक दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन आज की बेहद जरूरी आवश्यकता है। दोपहर में भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें होटल मैनेजमेंट के शिक्षक, छात्रों सहित शहर और बाहर से आए भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस पावन अवसर पर रामकृष्ण कुटीर के यूट्यूब चैनल पर स्वामी विवेकानंद के कुमाऊं आगमन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री, हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में रिलीज़ की गई। संध्या के समय नियमित आरती के साथ भक्ति गीत गाए गए और स्वामी विवेकानंद के विचारों पर लोगों ने चर्चा की। इस अवसर पर नित्यवेदानंद महाराज, हरिस्वरानंद महाराज, देव्यानंद महाराज, अर्पण महाराज की गरिमामय उपस्तिथि रही।