स्टिंग प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को सीबीआई को चॉपस सैंपल देने होंगे। इस मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र सिंह अधिकारी ने सोमवार को यह आदेश दिए।
वर्ष 2016 में उमेश कुमार ने बतौर पत्रकार, उस वक्त के मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन करने का दावा किया था। स्टिंग के दो वीडियो सामने आने के बाद उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसके बाद बदले सियासी घटनाक्रम में हरीश रावत की सरकार चली गई थी, जो बाद में हाईकोर्ट के आदेश से बहाल हुई। इस मामले में सीबीआई दिल्ली शाखा में मुकदमा दर्ज हुआ था।
तब से इस मामले की जांच में कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही थी। पिछले माह एकाएक हरीश रावत, हरक सिंह, विधायक मदन बिष्ट व तत्कालीन पत्रकार उमेश कुमार (वर्तमान में विधायक) को वॉयस सैंपल के संबंध में नोटिस जारी हुए। मामले में कोर्ट ने इन सभी को खुद या अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा था। चार जुलाई को सुनवाई में नेताओं ने कोर्ट से समय मांगा था।
इस संबंध में अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने बताया कि सोमवार को कोर्ट ने चारों को सीबीआई के समक्ष उपस्थित होकर वॉयस सैंपल देने का आदेश दिया है। उमेश कुमार और मदन बिष्ट वर्तमान में विधायक हैं। ऐसे में उनके पद के हिसाब से तय संवैधानिक प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी होंगे। जबकि, पूर्व सीएम हरीश रावत व हरक सिंह रावत को नोटिस सीधे भेजे जाएंगे।
सीबीआई तय करेगी समय और स्थान कोर्ट
सीबीआई तय करेगी समय और स्थान कोर्ट ने कहा कि चारों का वॉयस सैंपल लेने के लिए स्थान और समय सीबीआई तय करेगी। सैंपल में स्टिंग के जुड़े ऑडियो को सीधे नहीं दोहराया जाएगा। उनसे अन्य किसी विषय पर बात करते हुए सैंपल लिए जाएंगे।
हाईकोर्ट में भी चल रही सुनवाई अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने बताया कि नेताओं की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इसमें वॉयस सैंपल देने हैं या नहीं, इस पर फैसला कुछ दिनों में आना है। हाईकोर्ट में केस को खत्म करने की मांग भी शामिल है। हाईकोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई होगी।