उत्तराखंड में चीन सीमा पर होने वाली आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। आज सुबह ओम पर्वत के लिए पहला दल केएमवीएन के टीआरसी काठगोदाम से रवाना किया गया है। केएमवीएन के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर ने हरी झंडी दिखाकर श्रद्धालुओं को रवाना किया। इस दल में 10 पुरुष और 9 महिला यात्री शामिल हैं।
महज आठ दिन में पूरी होगी यात्रा
इस बार की यात्रा में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। यात्रा काठगोदाम से शुरू होकर कैंची में बाबा नीम करोली आश्रम होते हुए अल्मोड़ा के प्रसिद्ध चितई के गोलज्यू देवता मंदिर और जागेश्वर मंदिर होते हुए आदि कैलाश और ओम पर्वत तक पहुंचेगी। वैसे तो आदि कैलाश यात्रा साल 1992 से जारी है। लेकिन, पहले जहां यात्रा 21 दिनों में पूरी होती थी लेकिन अब यात्रा महज आठ दिन में पूरी होगी।
यहां से होकर गुजरेंगे श्रद्धालु
इस दौरान काठगोदाम से शुरू होने वाली यात्रा भीमता, कैंची, अल्मोड़ा, चितई, जागेश्वर, पिथौरागढ़, जौलजीबी, धारचूला, बूंदी, छीयालेख, गर्बियांग, नपलच्यू, कालापानी, नाभीदांग, ओम पर्वत होते हुए वापस गूंजी, नाबी, कुट्टी, ज्योलिंगकांग होते हुए आदि कैलाश और पार्वती सरोवर पहुंचेगी. इसके बाद यात्रा वापस गूंजी, बूंदी, धारचूला, डीडीहाट, चौकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, शेराघाट, अल्मोड़ा, भीमताल होते हुए काठगोदाम में समाप्त हो जाएगी।