एक बहुत ही दुःखद सामने सामने आ रही है भारत में हरित क्रांति (ग्रीन रेवोल्यूशन) को पैदा करने वाल एमएस स्वामीनाथन का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने आज चेन्नई में अपनी आखिरी सांस ली। आपको बता दे की स्वामीनाथन को भारत के एक लोकप्रिय वैज्ञानिक के तौर पर जाना जाता था। इनको कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया स्वामीनाथन पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने सबसे पहले गेहूं की एक बेहतरीन किस्म को पहचाना और उसको स्वीकार किया। इनकी वजह से भारत में गेहूं उत्पादन में काफी भारी वृद्धि हुई। स्वामीनाथन को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, इनमें पद्मश्री (1967), पद्मविभूषण (1989), पद्मभूषण (1972), मैग्सेसे पुरस्कार (1971) और विश्व खाद्य पुरस्कार (1987) महत्वपूर्ण हैं। बता दें कि स्वामीनाथन आयोग का गठन 18 नवंबर, 2004 को किया गया था। दरअसल, इस आयोग का नाम राष्ट्रीय किसान आयोग है और इसके अध्यक्ष एमएस स्वामीनाथन हैं। उन्हीं के नाम पर इस आयोग का नाम स्वामीनाथन आयोग पड़ा। इस आयोग ने लंबे समय तक किसानों की समस्या को समझने के बाद केंद्र से कृषि क्षेत्र में कई जरूरी सुधारों की मांग की थी।