प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्वकर्मा जयंती पर रविवार को विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को तीन लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा। साथ ही संस्कृतियों, परंपराओं, स्थानीय उत्पादों, कला-शिल्प की समृद्ध विरासत को संरक्षित किया जायेगा और कर्ज देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपये बाटने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस योजना का लाभ उन्हीं कारीगरों को मिलेगा, जिन्होंने बायोमीट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर पंजीकरण करा रखा है। इन कारीगरों व शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के रूप में मान्यता मिलेगी। जैसे बढ़ई, धोबी, लोहार, सुनार, दर्जी, राजमिस्त्री, नाई, पत्थर तराशने वाले, मूर्तिकार, मोची/जूता बनाने वाले कारीगर, खिलौना निर्माता, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता और अन्य। वित्त मंत्रालय के मुताबिक योजना में लाभार्थियों को 15 हजार रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। योजना में बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण दोनों के माध्यम से कौशल वृद्धि के लिए पांच प्रतिशत की रियायती दर से एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) का कर्ज दिया जाएगा।