भवाली के उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी में आयोजित किए गए समसामायिक न्यायिक विकास और न्याय प्रणाली को विधि एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से मजबूत करने के लिए दो दिवसीय सम्मेलन में आज राज्यपाल गुरमीत सिंह पहुंचे। इस सम्मलेन में वहाँ मौजूद सभी लोगो ने राज्यपाल का अकादमी में काफी जोरो शोरो से जोरदार स्वागत किया गया। इस खास मौक़े पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीक का उपयोग बेहतर साबित होगा और अगर भारत कि न्यायिक व्यवस्था इतनी मजबूती से काम करती रहीं तो एक दिन भारत को विश्व गुरु बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। और उन्होंने न्यायाधीशों को संबोधित करते हुए पूछा कि क्या कोर्ट की भाषा और फैसले हिंदी में नहीं हो सकते हैं। कहा इस पर विचार किया जाना चाहिए। और उन्होंने नारी शक्ति को लेकर आगे कहा कि हम एक तरफ तो नारी को मातृ शक्ति कहते हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी सुरक्षा भी सहीं से नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमको ऐसी न्याय व्यवस्था करनी चाहिए कि गंभीर मामलों में फैसले जल्द से जल्द आ सके और महिलाओं को न्याय मिलने में देरी न हो। राज्यपाल ने अपराधियों को लेकर कहा कि वह भीतर से खोखले होते हैं। आपका एक कठोर कदम ऐसे अपराधियों की कमर तोड़ने का काम करेगा और इससे काफी हद तक ऐसे मामलों में अपराध में भी कमी आएगी।