सोबन सिंह जीना परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग में आगामी 18 से 19 फरवरी तक क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबिलिटी ऑफ़ नेचुरल रिसोर्सेज इन हिमालयन रीजन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सेमिनार के उद्देश्यों एवं पर्यावरण परिवर्तन के विषय में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण में हो रहे निरंतर परिवर्तन के फलस्वरूप कई समस्याएं एवं चुनौतियाँ हमारे सामने आई हैं।
क्लाइमेट चेंज होने के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। आज कृषि क्षेत्र में समस्याएं दिखाई दे रही हैं। खाद्य श्रृंखला एवं जीवन चक्र में परिवर्तन हो रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं, कृषि कार्य प्रभावित हुआ है इसलिए पर्यावरण के विषय पर हमें गम्भीर होने की आवश्यकता है। नियोजित विकास और प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन की दृष्टि से पॉलिसी निर्माताओं के लिए यह सेमिनार महत्वपूर्ण होगा।
कुलपति प्रो बिष्ट ने आगे बताया कि हिमालयी ग्लेशियर, हिमालय के जल संसाधन, हिमालयी जैवविविधता, पर्यावरण चक्र, कार्बन स्टोरेज, आपदा नियंत्रण, कृषि पद्धति संवर्द्धन ,हिमालयी जीवनशैली, परंपरागत ज्ञान और पर्यावरण पर्यटन, वानिकी संवर्धन आदि विभिन्न दृष्टिकोणों से अनुसंधाताओं द्वारा मंथन किया जाएगा।
सेमिनार के विषय में वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर धनी आर्या ने सूचना देते हुए बताया कि वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा आगामी 18 एवं 19 फरवरी को राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित होगा। जिसमें देश विदेश के विद्वान इस सेमिनार में मंथन करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस सेमिनार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट, मुख्य अतिथि के रूप में गोविंद बल्लभ पंत,
संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर सुनील नौटियाल, विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओ पी एस नेगी, सेमिनार के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रवीण सिंह बिष्ट (परिसर निदेशक), मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट (निदेशक, शोध एवं प्रसार निदेशालय), सेमिनार के संयोजक के रूप में डॉक्टर से सामंत (पूर्व निदेशक,HFRI, शिमला) उपस्थित रहेंगे। साथ ही अकादेमिक व्यक्तियों द्वारा 80 शोध पत्रों का वाचन किया जाएगा।
इस सेमिनार के संयोजक डॉ धनी आर्या, सह संयोजक डॉक्टर बलवंत कुमार, आयोजक सचिव डॉक्टर सुभाष चंद्र, मंजुलता उपाध्याय, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ नवीन चंद्र होंगे। बीज वक्ता के तौर पर डॉक्टर जी एस रावत (पूर्व निदेशक WII,देहरादून) रिसोर्स पर्सन के तौर पर डॉ जे के कुनियाल (वैज्ञानिक जी, गोविंद बल्लभ पंत संस्थान) एवं डॉक्टर गजेंद्र सिंह (वैज्ञानिक-सी यूसेक, देहरादून) आदि मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया की सेमिनार की अधिकतर तैयारियां हो चुकी हैं।