अल्मोड़ा: योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के अंतर्गत संचालित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय उपचार विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला जारी है। कार्यशाला के पांचवें दिन के प्रथम सत्र में मिट्टी व जल चिकित्सा के विभिन्न चिकित्सीय पद्धतियों के विषय में बताया गया।
अनेक बीमारियों को कैसे दूर करें इस पर अपने विचार रखे
योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट ने मिट्टी व जल चिकित्सा के सिद्धान्तों के विषय में बताते हुए बताया कि जहाँ मिट्टी हमारा पोषण करती है वहीं जल ही जीवन है के सिद्धांत पर व्याख्यान दिया। योग शिक्षक लल्लन कुमार सिंह ने मिट्टी का प्रयोग शरीर के अलग अलग अंगों पर प्रयोग कर अनेक बीमारियों को कैसे दूर करें इस पर अपने विचार रखे। योग शिक्षक रजनीश जोशी ने जल तत्व चिकित्सा की अनेक विधियों तथा विद्या नेगी ने वेदों में बताए गए जल तत्व व मिट्टी तत्व की चर्चा करते हुए बताया वेदों में जल को अमृत कहा गया है।
रोगों के निवारण की अनेक प्रयोगात्मक विधियों के बारे में प्रशिक्षण दिया
इसके पश्चात कार्यशाला के द्वितीय सत्र में योग व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ गिरीश अधिकारी द्वारा मिट्टी तत्व, जल तत्व द्वारा अनेक रोगों जैसे सरदर्द, कमर दर्द, कब्ज, मधुमेह, मासिक धर्म, सर्वाइकल, पीलिया, चर्म रोग आदि रोगों को जल व मिट्टी के माध्यम से कैसे दूर करें इनकी प्रयोगात्मक विधियों का प्रशिक्षण दिया गया। तृतीय सत्र में प्रतिभागियों को मेरुदंड की मिट्टी की पट्टी, पेट की मिट्टी की पट्टी और गर्दन की मिट्टी की पट्टी, रीढ़ स्नान, कटि स्नान, हस्त स्नान का प्रशिक्षण देते हुए शरीर के अलग अलग अंगों की चिकित्सा के साथ साथ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रोगों के निवारण की अनेक प्रयोगात्मक विधियों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
यह लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर सी एन वाई एस , डी एन वाई एस के छात्र ललित सिंह खोलिया सुरेश नाथ गोस्वामी, नितिन पांडे, अजय सिंह सिराड़ी, सूरज बिष्ट, निशा बिष्ट, भावना उपाध्याय, अंजलि किरण, करिश्मा, बबिता , सूरज बिष्ट, चंदा नेगी, सोनिया बिष्ट आदि छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।