देवभूमि उद्योग व्यापार मण्डल समिति के पूर्व अध्यक्ष दीपेश चन्द्र जोशी (देवा भाई) ने आज प्रेस में जारी बयान में आरोप लगाते हुए कहा कल दिनांक 14 फरवरी बुधवार को जब नामांकन दर्ज किया। तो उन्हें बिना सदस्यता के फार्म दिया गया। दीपेश चन्द्र जोशी के सभी प्रपत्र सही होने के बाद भी उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। उनके द्वारा कई बार निवेदन करनेके बाद सदस्य नहीं बनाया गया।
दीपेश चन्द्र जोशी का कहना है कि अल्मोड़ा के कुछ व्यक्तियों द्वारा जो अपने को यहाँ का सर्वेसर्वा समझते हैं। उनके द्वारा मेरे साथ चार वर्ष पूर्व प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल में जब मैं अध्यक्ष पद का उम्मीदवार था तब भी अराजकता हुई थी और आज मेरे ही द्वारा लायी गयी देवभूमि उद्योग व्यापार मण्डल में घुसकर इन्हीं सब लोगों ने मिलकर बाहर निकालने की साजिशन तैयारी की थी।
मेरे कई बार विनम्र निवेदन करने पर भी इन्होंने जानबूझकर सदस्यता नहीं बनायी गयी, आज कल कहकर रोज टालमटोली करते गये। बाजार में अपने हितों के लिए इन्होंने बिहारियों, फड़ व्यवसायी सब लोगों की सदस्यता बनायी और 40 प्रतिशत अल्मोड़ा लोगों की सदस्यता नहीं बनायी और बिना सारे व्यापारियों की सदस्यता बनाये इन्होंने चुनाव की दिनांक कैसे घोषित की। इनकी बातों से मुझे यह अनुमान हो गया था कि ये लोग मुझे देवभूमि उद्योग व्यापार मण्डल समिति से बाहर निकालने वाले हैं और साथ में धमकियां भी दे रहे थे।
देवभूमि के प्रदेश अध्यक्ष हुकुम सिंह कुँवर से कि विनती-
दीपेश जोशी ने देवभूमि के प्रदेश अध्यक्ष हुकुम सिंह कुँवर से यह विनती कि है की उन्हें इस मामले में सच का साथ देते हुए उन्हें न्याय दिया जाय। साथ ही उन्होंने यह भी कहां कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह व्यपारियों के साथ मिलकर चौघानपाटा में प्रदेश अध्यक्ष का पुतला फूँकने पर मजबूर है।