अल्मोड़ा : गर्मी का मौसम और उस पर पेयजल लाइनों से लीकेज उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ा रहा है। नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अरसे से बनी इस समस्या को सही करने के जल संरक्षण द्वारा तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं जिले में वर्तमान में संचालित 1022 योजनाओं के पेयजल लाइनों में लीकेज से हर रोज 78 हजार लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।
शहरी क्षेत्र में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन का मानक तय
जिला मुख्यालय व आसपास के 343 गांवों की 1.10 लाख की आबादी की प्यास बुझाने के लिए कोसी नदी से साल 1952 में कोसी पंपिंग योजना का निर्माण किया गया। वर्तमान में 1.10 लाख आबादी को जरूरत के हिसाब से में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 16 एलएमडी मिलियन लीटर प्रतिदिन पानी की आवश्यकता है। इसके सापेक्ष 13.50 एमएलडी पानी की ही आपूर्ति हो पा रही है। शहरी क्षेत्र में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन का मानक तय है। इसके सापेक्ष वर्तमान में शहरी क्षेत्र में करीब 55 लीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 40 लीटर पानी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन ही उपलब्ध हो पा रहा है। वहीं पेयजल लाइनों में लीकेज भी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। जिले में 1022 पेयजल योजनाओं में से प्रतिदिन 78 हजार लीटर पानी लीकेज के कारण बर्बाद हो रहा है।