भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने अपने मिग-21 लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। मिग-21 फाइटर जेट बीते 5 दशकों से भारतीय वायुसेना के बेड़े का महत्वपूर्ण विमान है। वायुसेना के मुताबिक, यह रोक मिग-21 लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े पर लगाई गई है।
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लिया ये फैसला
बता दें कि बीते दिनों राजस्थान में हुई मिग-21 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब वायुसेना ने यह निर्णय लिया है। भारतीय वायुसेना चरणबद्ध तरीके से मिग-21 विमानों अपने बेड़े से बाहर करने की प्रक्रिया का पालन भी कर रही है। अगले 2 वर्षो में इन विमानों को भारतीय वायुसेना से पूरी तरह हटा लिया जाएगा।
1963 में वायुसेना में शामिल हुआ था मिग-21
बता दें कि मिग वैरिएंट के पहले बेड़े को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। भारतीय वायुसेना के पास 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, जिनमें तीन मिग-21 बाइसन संस्करण के हैं। IAF को अपने पुराने लड़ाकू बेड़े को बदलने में मदद करने के लिए, रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल फरवरी में 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ ₹48,000 करोड़ का सौदा किया था।
मिग-21 से 400 से ज्यादा हादसे
IAF 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट खरीदने की प्रक्रिया में है। 1960 के दशक की शुरुआत में वायुसेना में शामिल किए गए जाने के बाद अभी तक 400 मिग-21 विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं।
चरणबद्ध तरीके से मिग-21 को बेड़े से बाहर करेगी वायुसेना
भारतीय वायुसेना में केवल तीन मिग 21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं और उन सभी को 2025 की शुरुआत में चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। राजस्थान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ फाइटर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था जब वो क्रैश कर गया। इस हादसे में पायलट को चोटें आईं थी।