रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के लिए 11 गश्ती जहाजों और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
रक्षा सामग्री के उत्पादन से जुड़ी कंपनियों को मिले बड़े क्रय आदेश
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से 11 अगली पीढ़ी के गश्ती जहाजों के अधिग्रहण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा सामग्री के उत्पादन से जुड़ी कंपनियों को बड़े क्रय आदेश मिले हैं। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ दो सौदों और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ एक सौदे पर हस्ताक्षर किए। तीनों सौदे करीब 5,400 करोड़ रुपये की धनराशि के हैं। बीईएल गाजियाबाद के साथ पहला सौदा आटोमैटेड एयर डिफेंस कंट्रोल एंड रिपोर्टिंग सिस्टम की खरीद का हुआ है। प्रोजेक्ट आकाशतीर नाम के ये उपकरण 1,982 करोड़ रुपये में थलसेना के लिए खरीदे जाएंगे।
साल 2026 में शुरू होगी जहाजों की डिलीवरी
बता दें कि अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) और चार जहाजों को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।