सरकार के विधायी और कार्यकारी अंगों में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर है। वे स्त्री के अधिकारों के संबंध में आवाज नहीं उठा पातीं, इसलिए यह आवश्यक है कि विधायी संस्थाओं में महिलाओं की नुमंदगी के लिए एक सुनिश्चित प्रतिशत जगह आरक्षित किया जाए। महिला आरक्षण विधेयक आज लोकसभा में पेश किया जा सकता है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस विधेयक को सदन के पटल पर रखेंगे। मिली हुई जानकारी के अनुसार, विधेयक कल यानी 20 सितंबर को लोकसभा से चर्चा करने के बाद पास हो सकता है। वहीं 21 सितंबर को विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इस संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के तहत महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में आरक्षण दिया जाएगा।