नई दिल्ली एक से अधिक पैन कार्ड रखने वालों कसी जा सकेगी नकेल एफएक्यू कहता है कि पैन 2.0 में पैन के लिए संभावित नकली आवेदनों की पहचान के लिए बेहतर प्रणाली होने से कोई व्यक्ति एक से अधिक कार्ड नहीं रख पाएगा। इस तरह एक से अधिक पैन रखने के मामलों में नकेल कसी जा सकेगी।
पैन 2.0 परियोजना शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूदा पैन वैध रहेगा और उन्हें उसे बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी। पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम’ अनिवार्य होगा।
साथ ही पैन 2.0 के तहत शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को पैन 2.0 परियोजना से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उसने बार-बार पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) का ब्योरा देकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की।एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए तरह के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। यह परियोजना अगले साल से लागू होगी।यह परियोजना ‘स्थायी खाता संख्या’ (पैन) जारी करने की मौजूदा प्रणाली को सुधारने के मकसद से लाई गई है। पैन 2.0 परियोजना का मकसद सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है।
पैन आयकर विभाग की ओर से जारी होने वाली 10 अंक की एक विशिष्ट संख्या है। इसमें अंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी स्पष्ट रूप से शामिल किया जाता है। यह संख्या भारतीय कर दाताओं को विशिष्ट रूप से जारी की जाती है।प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना परियोजना का मकसद सीबीडीटी ने एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस परियोजना का मकसद पैन और टैन जारी करने और उनके प्रबंधन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना है, ताकि यह उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल और कुशल बन सके। यह परियोजना कई डिजिटल मंचों के एकीकरण और पैन/टैन धारकों के लिए कुशल सेवाओं पर फोकस करती है। इस समय करीब 78 करोड़ पैन और 73.28 लाख टैन खाता मौजूद हैं।एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगी सभी सेवाएंबयान में कहा गया कि पैन से संबंधित सेवाएं तीन अलग मंच- ई फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गवर्नेंस पोर्टल पर मौजूद हैं। लेकिन पैन 2.0 के लागू होने पर ये सभी सेवाएं एक एकल एकीकृत पोर्टल पर उपलब्ध होंगी। एकीकृत मंच की मदद से पैन कार्ड संबंधी आवेदन, उसमें सुधार और आधार को पैन से जोड़ने के अनुरोध के अलावा ऑनलाइन सत्यापन भी किया जा सकेगा।डिजिटल प्रक्रिया होने से पैन कार्ड जारी होने में लगेगा कम समयपैन 2.0 परियोजना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के साथ जुड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पर्यावरण के अनुकूल, कागज रहित प्रक्रियाओं पर फोकस करने के साथ निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में भी स्थापित करती है। सीबीडीटी ने कहा है कि पैन को निःशुल्क जारी किया जाएगा और डिजिटल प्रक्रिया होने से इसमें समय भी कम लगेगा। हालांकि, मौजूदा पैन कार्डधारकों को नए कार्ड के लिए आवेदन तभी करना होगा, जब उन्हें अपने ब्योरे में कुछ संशोधन करना हो।