उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार लंबे समय से गायब व दूसरे प्रदेशों में तैनात शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की योजना बना रही है। साथ ही शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम शिक्षकों से भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन लिए जाएंगे। इस बात की जानकारी शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने दी।
मानव संपदा एवं कैरियर काउंसिलिंग पोर्टल बनाया जाएगा
बता दें कि बुधवार को शिक्षा निदेशालय में हुई बैठक में डॉ. धन सिंह रावत ने प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षा निदेशकों को ऐसे शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाने के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र के अंतर्गत मानव संपदा एवं कैरियर काउंसिलिंग पोर्टल बनाया जाएगा। जिससे छात्र-छात्राओं को करियर काउंसलिंग संबंधी जानकारी के साथ ही शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कार्मिकों का संपूर्ण विवरण पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध हो सके।
आईटी संबंधी कार्यों के संचालन को आईटी सेल का होगा गठन
उन्होंने कहा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की विद्यालयों में ऑनलाइन तैनाती, वेतन प्रक्रिया, एरियर, अवकाश स्वीकृति, रिटायरमेंट, मृतकाश्रितों को नियुक्ति के काम होंगे। विभाग के अंतर्गत आईटी संबंधी कार्यों के संचालन को आईटी सेल बनाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने दो सप्ताह के भीतर क्लस्टर स्कूल एवं पीएम श्री स्कूलों की डीपीआर व ड्राइंग तैयार करने के निर्देश दिए।