उत्तराखंड राज्य में लगातार वन्यजीवों द्वारा बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने मुआवजे की राशि को बढ़ा दिया है। अब वन्यजीवों के हमले में हुई मृत्यु सहित फसलों, मकानों और पशुओं के नुकसान पर भी मुआवजा दिया जाएगा। मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली 2024 की अधिसूचना जारी हो गई है। स्थानीय जनप्रतिनिधि व वन विभाग के कर्मियों की पुष्टि के बाद 48 घंटे के भीतर मानव हानि पर 30 प्रतिशत, पशु हानि पर 20 प्रतिशत मुआवजा मिल जाएगा। वहीं, फसलों के हानि की घटना की सूचना दो दिन के भीतर स्थानीय वन अधिकारी को लिखित रूप से देनी होगी, जिस पर जांच के बाद 15 दिन के भीतर मुआवजा मिल जाएगा।
इन जानवरों के हमले पर दिया जाएगा मुआवजा-
बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जंगली हाथी, मगरमच्छ, घड़ियाल, सांप, मधुमक्खी, तीनों प्रजाति के भालू, लकडबग्घा, जंगली सुअर, ततैया, लंगूर और बंदर से मानव को हानि होने पर। बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू, लकडबग्घा, जंगली सुअर, मगरमच्छ, घड़ियाल, सांप से पशुओं को हानि होने पर। जंगली हाथी, जंगली सुअर, नील गाय, काकड़, सांभर, चीतल, लंगूर और बंदरों से फसलों को हानि होने पर। जंगली हाथी और तीनों प्रजाति के भालुओं से मकान को हानि होने पर।
मुआवजा के लालच में जंगल भेजा तो होगा मुकदमा-
अगर मुआवजे के लालच में किसी ने अपने परिवार के सदस्य या बाकी व्यक्ति को जो बुजुर्ग, बीमा, विकलांग या मानसिक रूप से असंतुलित हो को, जंगल में भेजा तो उसे मुआवजा नहीं मिलेगा। मुआवजे के दावे के अवैध होने की पुष्टि पर मुकदमा दर्ज होगा।
हमले में मानव क्षति पर मुआवजा-
साधारण घायल को 15,000 से 16,000, गंभीर घायल को 1,00,000, आंशिक रूप से अपंग की 1,00,000, पूर्ण रूप से अपंग को 3,00,000, हमले में मृत्यु होने पर 6,00,000 तक का मुआवजा दिया जाएगा।
पशुओं हानि पर मुआवजा-
पशु हानि होने पर गाय, जबू और जुमो के लिए 37,500, बकरी, भेड़, सुअर के लिए 5,000, ऊंट, घोड़ा, बैल आदि के लिए 32,000, बछड़ा, गधा, खच्चर, हेफर, टट्टू के लिए 20,000, तीन साल से ज़्यादा उम्र की भैंस के लिए 37,500, घोड़ा, खच्चर के लिए 40,000, तीन साल से ज़्यादा उम्र वाले बैल के लिए 32,000, गाय की बछिया, भैंस का पडुवा के लिए 20,000 मुआवजा दिया जाएगा।
मकान हानि पर इतना मुआवजा-
पक्का मकान पूर्ण क्षति पर 1,50,000, कच्चा मकान पूर्ण क्षति पर 1,30,000, कच्चा मकान आंशिक क्षति पर 20,000, झोपड़ी आदि से निर्मित आवास क्षति पर 8,000, पक्के मकान की चहारदीवारी की क्षति या मकान को आंशिक क्षति 15,000 तक मुआवजा दिया जाएगा।
फसलों की हानि पर मुआवजा-
गन्ना संपूर्ण फसल के लिए 25,000 प्रति एकड़, धान, गेहूं, तिलहन संपूर्ण फसल के लिए 15,000 प्रति एकड़, बाकी सभी फसलों की क्षति पर 8,000 प्रति एकड़ मुआवजादिया जाएगा।