शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि मानसून के दौरान छात्रों और शिक्षकों को होने वाली समस्याओं को देखते हुए ही मानसून अवकाश शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसका दायरा दस दिन का रखा जा सकता है। राजकीय शिक्षक संघ के साथ बैठक के दौरान एक महिला पदाधिकारी ने इस विषय को उठाया था।उनका कहना था कि मानसून के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मानक के अनुसार एक वर्ष में कम से कम 220 दिन तक स्कूलों में पढ़ाई होनी चाहिए। मानसून के दौरान अक्सर विद्यालयों में अवकाश रखना पड़ता है। छात्रों और शिक्षक की सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद जरूरी भी है।इसलिए सरकार ने मानसून अवकाश लागू करने का निर्णय लिया है मानसून, अतिवृष्टि की अवधि तय करने के लिए मौसम विभाग से भी तालमेल किया जाएगा। जिससे अवकाश का सही समय पर उपयोग किया जा सके। मालूम हो कि दस दिन के मानसून अवकाश से शिक्षक छात्रों को इस अवधि में 16 दिन के अवकाश की सुविधा मिल जाएगी।दरअसल, हर जिले में डीएम और स्कूल प्रधानाचार्य को तीन तीन दिन के अवकाश अपने विवेक के अनुसार रखने का अधिकार है। बारिश के चलते स्कूलों में भी छात्रों की सुरक्षा चिंता बनी रहती है