रानीखेत से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहाँ के उप जिला चिकित्सालय में मौजूद सभी मेडिकल बायोमेडिकल वेस्ट खुले में जलाया जा रहा है। इस तरह से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही कि वजह से मरीजों, तीमारदारों, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही वहाँ के स्थानीय लोगों पर भारी पड़ रही है। इस कूड़े में इंजेक्शन, दस्ताने आदि सामग्री दिख रही है। इस बायोमेडिकल वेस्ट को दुधारू पशु भी खा रहे हैं जिसकी वजह से उनके लिए इसका खतरा ज़्यादा बना हुआ है। अस्पताल से निकलने वाले इस बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के दो तरीके हैं। डीप बरियल पिट में इसे डाला जा सकता है या तो इसका इंसीनरेटर में निस्तारण हो सकता है। रानीखेत उप जिला चिकित्सालय में अब तक इंसीनरेटर की व्यवस्था नहीं हुई है। ऐसे में खुले में बायोवेस्ट को जलाकर इसका निस्तारण किया जा रहा है। छावनी परिषद रानीखेत के स्वच्छता निरीक्षक चंदन कुमार का कहना है कि बायोमेडिकल वेस्ट को छावनी की ओर से नहीं उठाया जा सकता है। अस्पताल प्रबंधन को इसका खुद निस्तारण करना होता है। बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में जलाना गंभीर है। उप जिला चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप दीक्षित का कहना है कि बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए गड्ढे बनाए गए हैं। कैंट बोर्ड से हमें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। कचरे के निस्तारण के लिए अस्पताल में इंसीनरेटर बेहद जरूरी है।