नैनीताल: बलियानाला और चाइना पीक में भूस्खलन के अध्ययन के लिए विश्व बैंक और नीदरलैंड के वैज्ञानिकों की टीम पहुंच गई है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं जिसे ध्यान में रख सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने विश्व बैंक और नीदरलैंड के वैज्ञानिकों के तत्वाधान में कमेटी का गठन कर खतरनाक क्षेत्रों का अध्ययन करवाना शुरू कर दिया है।
5 महीने तक बारीकी से होगा अध्ययन
जानकारी के मुताबिक विश्व बैंक और नीदरलैंड के वैज्ञानिकों के तत्वावधान 8 सदस्यीय टीम ने नैनीताल, मसूरी, देहरादून समेत भूगर्भीय दृष्टि से बेहद खतरनाक स्थानों पर अध्ययन शुरू कर दिया है। यह टीम नैनीताल के बलियानाला, चाइना पीक समेत आसपास के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन कर रही है। अभी विशेषज्ञों ने बलियानाला में पानी की गुणवत्ता, ग्राउंड वाटर पर अध्ययन और सर्वे किया। नीदरलैंड से नैनीताल पहुंचे वैज्ञानिक डॉक्टर कीस बोंस ने बताया कि पहले चरण में नैनीताल और देहरादून का सर्वे के साथ अध्ययन होना है। विदेशी और देश के प्रमुख विशेषज्ञ करीब 5 महीने तक बारीकी से अध्ययन करेंगे। अध्ययन करने के बाद नैनीताल, देहरादून, मसूरी की भावी विकास योजनाएं और मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।