दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर पर मंगलवार दोपहर को मैलवेयर अटैक कर हैक करने की कोशिश की गई। हालांकि तैनात साइबर सुरक्षा प्रणालियों द्वारा खतरे को निष्प्रभावी कर दिया गया। ई-हॉस्पिटल सेवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और सामान्य रूप से काम कर रही हैं।
एम्स की सुरक्षा प्रणाली की सतर्कता से यह कोशिश नाकाम
अस्पताल पर साइबर हमले की अफवाह फैलने पर इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर स्थिति स्पष्ट की और कहा कि एम्स की प्रणाली में कोई सेंध नहीं लगी है। उन्होंने ट्वीट किया कि एम्स का ई-अस्पताल आतंरिक ऐप है और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है। किसी ने इस पोर्टल में सेंध लगाने की कोशिश की लेकिन एम्स की सुरक्षा प्रणाली की सतर्कता से यह नाकाम कोशिश रही। उसी व्यक्ति ने संभवत: त्रुटि संदेश का स्क्रीनशॉट लिया है और उसे प्रसारित किया है।
2022 में भी एम्स पर हुआ था मालवेयर अटैक
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में इसी तरह के एक हमले ने दो के सप्ताह के लिए अस्पताल पंजीकरण, प्रवेश और छुट्टी सेवाओं को बाधित कर दिया था। एम्स दिल्ली ने पहली बार 23 नवंबर, 2022 को अपने सर्वर में खराबी की सूचना दी थी। जिसके बाद साइबर सुरक्षा के कथित उल्लंघन के लिए दो लोगों को निलंबित कर दिया गया था। मालवेयर अटैक को सबसे खतरनाक साइबर अटैक कहा जाता है। जिसमें मरीजों का डाटा चुनाने की कोशिश होती है।