जोशीमठ मे बीते दिनों हुए भूधंसाव पर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सामने आ गई है और इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी कर दिया गया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने जब अपनी सख्ती दिखाते हुए फटकार लगाई उसके बाद आखिरकार सरकार को जोशीमठ में हुए भूधंसाव पर वैज्ञानिक संस्थाओं की इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करना पड़ा। आपको बता दे की इस रिपोर्ट को आठ वैज्ञानिक संस्थानों के सैकड़ों वैज्ञानिकों ने बहुत महीनों तक अपनी मेहनत के बाद करीब 718 पन्नों में तैयार की है। चमोली जिले के जोशीमठ में इस साल की शुरुआत में ही भू-धंसाव शुरू हो गया था। इसके बाद सरकार ने आठ विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाओं को भू-धंसाव और जोशीमठ की जड़ में निकल रहे पानी के कारणों को जानने के लिए मैदान में उतारा था। तमाम वैज्ञानिक संस्थानों से बहुत पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी, लेकिन सरकार ने इस दबाए रखा। इस मामले में अल्मोड़ा के पीसी तिवारी ने याचिका दायर का रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार को ऐसे मामलों की रिपोर्ट गुप्त न रखकर आम लोगों से साझा करनी चाहिए। इसके बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।