नैनीताल और हरिद्वार जिले में अब बगैर हॉलमार्क के ज्वैलरी बेचने पर व्यापारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। इस बारे जानकारी देते हुए भारतीय मानक ब्यूरो उत्तराखंड के वरिष्ठ निदेशक सुधीर बिश्नोई ने बताया की नैनीताल जिले में 190 और हरिद्वार में 300 कारोबारी हॉलमार्क के तहत रजिस्टर्ड हैं। 40 लाख प्रतिवर्ष तक टर्नओवर वाले कारोबारी अनिवार्य हॉलमार्क लाइसेंस के दायरे में नहीं आते हैं। नैनीताल और हरिद्वार में सराफा कारोबारी बगैर भारतीय मानक ब्यूरो से रजिस्टर्ड हॉलमार्क ज्वैलरी अब नहीं बेच सकेंगे। अगर व्यापारी ऐसा नहीं करते है तो ऐसे में कारोबारियों पर मानक ब्यूरो कानूनी कार्रवाई कर सकता है। आपको बता दे की भारतीय मानक ब्यूरो की तरफ से अब तक यह नियम पौड़ी गढ़वाल, दून और पिथौरागढ़ में ही लागू था। जिसमे अब नैनीताल और हरिद्वार जिले को भी शामिल किया जा रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो उत्तराखंड के वरिष्ठ निदेशक सुधीर बिश्नोई का कहना है कि नैनीताल जिले में 190 और हरिद्वार में 300 कारोबारी हॉलमार्क के तहत रजिस्टर्ड हैं। 40 लाख प्रतिवर्ष तक टर्नओवर वाले कारोबारी अनिवार्य हॉलमार्क लाइसेंस के दायरे में नहीं आते हैं। ग्रीन सिटी सराफा और स्वर्णकार एसो. के अध्यक्ष घनश्याम रस्तोगी ने बताया कि नैनीताल जिले में करीब 300 से अधिक, हरिद्वार में 450 से अधिक सर्राफ हैं। हाॅलमार्क के जो भी आभूषण होते हैं वह 22 कैरेट में होते हैं यानी 92 प्रतिशत सोना होता है। बगैर हॉलमार्क के ज्वैलरी बेचने में ग्राहक को 80 से 85 प्रतिशत शुद्ध सोना मिल पाता है।