उत्तराखंड राज्य के दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले हरक सिंह रावत ने सबसे कम उम्र में मंत्री बनने का रिकॉर्ड दर्ज किया है। यही नहीं हरक सिंह रावत दल बदलने में भी माहिर हैं। भारत सिंह रावत ने साल 2016 में हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया। साल 2022 में भाजपा ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया था।
जिसके बाद विधानसभा चुनाव से पहले हरक सिंह रावत दूबारा कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हरक सिंह रावत ने अपने किरयर की शुरुआत बीजेपी से की थी। जिसके बाद उन्होंने अलग पार्टी बनाई। फिर नेता ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वे प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री बने। 2016 में उन्होंने रावत सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया और भाजपा से जुड़ गए। उन्होंने बीजेपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री का ओहदा दिया गया।
हरक सिंह रावत 2022 के आम चुनाव के लिए अपने और अपनी बहू के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी उन्हें ही टिकट देने के पक्ष में थी। ऐसे में हरक सिंह रावत के बगावती तेवरों को देखते हुए बीजेपी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। बीजेपी से निकाले जाने के बाद वह कांग्रेस में लौट आये।
15 दिसंबर 1960 को जन्मे हरक सिंह रावत ने पहली बार 1984 के आम चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। हालांकि वह जीत नहीं सके। इसके बाद वह 1991 में पौडी सीट जीतकर कल्याण सिंह की यूपी सरकार में मंत्री बने। उस समय वह केवल 31 वर्ष के थे।