मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वस्त किया है कि उत्तराखंड में सड़कों के किनारे सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के नाम पर किसी का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। बुलडोजर ऐक्शन को लेकर सीएम धामी ने इस बाबत सभी डीएम को निर्देश दिए हैं।उधर, सरकार बुधवार को विधानसभा में उत्तराखंड सड़क पार्श्व भूमि नियंत्रण संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। हाईकोर्ट के निर्देश पर उत्तराखंड में 27 जुलाई से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है। जिला प्रशासन ने पहाड़ी क्षेत्रों के बाजारों में वर्षों पुरानी दुकानों को ढहा दिया। इससे राज्यभर के व्यापारियों में आक्रोश है।व्यापारी कार्रवाई के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम को स्पष्ट किया कि अतिक्रमण के नाम पर किसी की उत्पीड़न नहीं होगा। किसी के भी वैध निर्माण को नहीं तोड़ा जाएगा। सभी डीएम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी विभाग द्वारा किसी भी नागरिक का उत्पीड़न न हो। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जब तक ये तय नहीं हो जाता कि निर्माण सरकारी भूमि पर है और अवैध निर्माण को हटाया जाना जरूरी है, तब तक कोई तोड़-फोड़ नहीं की जाए।अलबत्ता, वन भूमि पर लैंड जिहाद के नाम पर हुए अवैध कब्जों के विरुद्ध कार्रवाई जारी रहेगी। सूत्रों ने बताया, सरकार जनता को अतिक्रमण अभियान से राहत दिलाने को सड़क पार्श्व भूमि नियंत्रण संशोधन विधेयक लाने जा रही है। यह संशोधित विधेयक विधायी को भेजा चुका है।दरअसल, वर्ष 2014 में कांग्रेस सरकार ने भूमि नियंत्रण विधेयक में सड़क के पांच-पांच मीटर के दायरे में अतिक्रमण को हटाने का प्रावधान किया है। चूंकि, अब पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का काफी चौड़ीकरण हो चुका है, ऐसे में सरकार अब इस प्रावधान को हटाने जा रही है।