बागेश्वर उपचुनाव में खड़े किसी भी प्रत्याशी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी सबसे अमीर जबकि उपपा के प्रत्याशी सबसे गरीब हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रेफॉर्म्स (एडीआर) ने शनिवार को देश के विभिन्न राज्यों में हो रहे विधानसभा और लोकसभा उप चुनावों में खड़े उम्मीदवारों पर एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की है।एडीआर के प्रदेश समन्वयक मनोज ध्यानी ने बताया कि उपचुनाव के लिए आगामी पांच सितंबर को मतदान होना है। रिपोर्ट के अनुसार उपचुनावों के लिए देश भर में खड़े कुल 43 में से 16 (38 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन राहत की बात है कि उत्तराखंड के बागेश्वर उपचुनावों में उतरे किसी भी प्रत्याशी पर किसी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं है।रिपोर्ट के अनुसार सम्पत्ति के मामले में कांग्रेस के उम्मीदवार बसंत कुमार सबसे आगे हैं। बसंत कुमार ने कुल 12 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति घोषित की है। जबकि उनपर अस्सी लाख की देनदारियां भी हैं। उन्होंने अपना व्यवसाय अधिवक्ता होना बताया है। भाजपा उम्मीदवार पार्वती देवी ने कुल सम्पत्ति ₹2.96 करोड़ की सम्पत्ति घोषित की है। उनपर भी ₹52 लाख की देनदारियां भी है।समाजवादी पार्टी उम्मीदवार भगवती प्रसाद ने 21 लाख, यूकेडी के अर्जुन कुमार ने आठ लाख क सम्पत्ति घोषित की है। चुनाव में सबसे कम सम्पत्ति वाले प्रत्याशी उत्तराखंड में परिवर्तन पार्टी के भगवत कोली हैं, जिन्होंने महज 54,700 की आय दिखाई है। बागेश्वर विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। 2022 में विधानसभा चुनावों में निर्वाचित विधायक चंदन राम दास के निधन से यहां उपचुनाव हो रहा है।