अल्मोड़ा: वनाग्नि से जंगलों को बचाने और खत्म होते जलस्रोतों को बचाने के लिए धामस में कल यानी एक अप्रैल को ओण(खरपतवार) दिवस मनाया जाएगा। इस पर चर्चा करते हुए स्याही देवी विकास मंच के संस्थापक और संयोजक गजेंद्र पाठक ने बताया कि उन्होंने 2003 से जंगल बचाने का अभियान शुरू किया था और पिछले वर्ष एक अप्रैल से ओण दिवस मनाने की परंपरा शुरू की है। इससे शीतलाखेत क्षेत्र में जंगलों में आग लगने की घटना पर पूर्ण रूप से रोक भी लगी है।
गर्मियों में असुरक्षित तरीके से खरपतवार जलाने से जंगलों में आग फैलने का खतरा
गजेंद्र पाठक ने बताया कि ओण दिवस मनाने का उद्देश्य वनाग्नि से जंगलों को बचाकर खत्म होते जलस्रोतों को बचाना है ताकि मानव अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि खेतों में होने वाली खरपतवार को जलाना पुरानी परंपरा है। गर्मियों में असुरक्षित तरीके से खरपतवार जलाने पर इसकी आग जंगलों में फैलने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में खरपतवार को एकत्र कर हर हाल में 31 मार्च से पूर्व जलाना है ताकि गर्मियों के मौसम में वनाग्नि की घटनाओं को रोका जा सके।
70 महिलाओं को किया जाएगा पुरस्कृत
स्याही देवी विकास मंच के संस्थापक और संयोजक गजेंद्र पाठक ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान वनाग्नि रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने वाली 70 महिलाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा वन विभाग के 10 फायर फाइटर्स को वर्दी, जूते भी वितरित किए जाएंगे।