उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले का दशहरा महोत्सव पूरे देश में प्रसिद्ध है। नगर में दशहरा पर्व पर रावण परिवार के पुतलों को घुमाने की प्राचीन परंपरा रही है। अल्मोड़ा के प्रसिद्ध दशहरा महोत्सव में विभिन्न मोहल्लों में पुतला कमेटियों की ओर से रावण परिवार के पुतले तैयार किए जाते हैं। मोहल्लों में राक्षसों के पुतले बनाने का सिलसिला दशहरे से करीब एक पखवाड़ा पूर्व से शुरू हो जाता है। इस प्रकार के आकर्षक पुतले देश में कहीं और नहीं बनाए जाते हैं। हर साल की तरह इस बार भी नगर में दशहरा की धूम देखने के लिए मिली। पिछले बीते सालो के मुकबले इस बार दशहरा को भव्य रूप दिया गया जिसमे रावण सहित उसकी सेना के करीब 16 योद्धाओं के पुतलों की शोभायात्रा को बीच बाजार में घुमाया गया। नगर में दशहरा महोत्सव को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी। लोग शोभा यात्रा में शामिल राम दल पर पुष्पवर्षा कर रहे थे। देर शाम एसएसजे परिसर के जूलॉजी मैदान में रावण कुल के पुतले धूं-धूं कर जल उठे। राक्षस कुल के पुतले दहन होते ही समूचा क्षेत्र जय श्रीराम के उदघोष से गूंज उठा। दशहरे में लाला बाजार से रावण, नंदा देवी से अहिरावण, चौक बाजार से कालकासुर, हुक्का क्लब से ताड़का, थाना बाजार से दूषण, चौघानपाटा से खर, नरसिंहबाड़ी से त्रिसरा, कारखाना बाजार से अक्ष कुमार, मायांतक, मेघनाद, राजपुर से देवांतक, कुंड, अतिकाय, मकरासुर, ऑफीसर कॉलोनी से वीरथ, धार की तूनी से मायासुर का पुतला शामिल किया गया था। मुख्य अतिथि संस्कार सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी प्रकाश बिष्ट ने महोत्सव का शुभारंभ किया। अति विशिष्ट अतिथि सांसद अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, विशिष्ट अतिथि पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी रहीं। समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह कार्की ने सभी का आभार जताया।