अल्मोड़ा में खोले गए मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक की चल रही कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। जिसकी वजह से खून की जरूरत वाले मरीजों की जान बचाने के लिए उनके घर वालो को खून के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज के हालात ये हैं कि यहां हर महीने 60 से 80 यूनिट से ज़्यादा खून की आपूर्ति जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज को हो रही है, तब जा कर मरीजों की जान बच रही है। जिले में 425 करोड़ रुपये लगा कर खोले गए मेडिकल कॉलेज का दो साल पहले संचालन शुरू किया गया था। हैरान करने वाली बात यह है कि अब तक यहां ब्लड बैंक संचालित नहीं हुआ है। इसकी मार यहां पहुंचे मरीजों को जान गंवाकर चुकानी पड़ रही है। यहां न तो स्वास्थ्य मंत्री और न ही डीएम ब्लड बैंक का संचालन शुरू करा सके हैं। दोनों के निर्देश अब तक हवाई साबित हुए हैं। बीते 26 जुलाई को मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन का शुभारंभ करने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जल्द ब्लड बैंक के संचालन के निर्देश कॉलेज प्रबंधन को दिए थे। 12 सितंबर को निरीक्षण पर पहुंचे डीएम विनीत तोमर ने जल्द ब्लड बैंक संचालन के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की बात कही। लंबा समय बीतने के बाद भी अब तक ब्लड बैंक संचालित नहीं हो सका है जो स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के दावों की पोल खोलने का काम कर रहा है।